Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन संकट की वजह बने बड़े युद्ध (War) के खतरे को टालने के लिए एक तरफ कूटनीतिक प्रयास तेज हो रहे हैं तो दूसरी ओर हाई रेजोल्यूशन सेटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर सैन्य गतिविधियां तेज़ कर दी हैं. अमेरिकी कंपनी मैक्ज़र की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें दिखाती हैं बेलगोरोड (Belgorod) , सोलोटी (Soloti) और वल्युकी (Valuyki) में रूस की तरफ से नए हथियारों और नई सैन्य टुकड़ियों की तैनाती की गई है. यह सैन्य तैयारी को दिखाती है. नई सैन्य गतिविधियां रूसी सेना की पिछली गतिविधियों से अलग हैं. इसमें टैंकों, सेना के वाहनों, हथियारों और सहायक उपकरणों की तैनाती शामिल है. अब तक अधिकतर सैन्य तैनाती प्राथमिक तौर पर प्रशिक्षण इलाकों में मौजूदा सैन्य ठिकानों पर की गई थी.
ताज़ा सेटेलाइट तस्वीरों में दिखता है कि सोलोटी में सैन्य ठिकाने के पास तैनात कई बड़े सैन्य दलों ने अपनी जगह छोड़ दी है और वाहनों के चलने से बने बड़े निशान देखे जा सकते हैं. इस इलाके में बख्तरबंद उपकरणों से लैस कुछ बड़े सैन्य बेड़ों को भी देखा जा सकता है. कुछ उपकरण रूसी शहर वल्युकी से पूर्व में यूक्रेन के बॉर्डर से 15 किलोमीटर दूर तैनात किए गए हैं.
मैक्ज़र की सेटेलाइट तस्वीरों में बेल्गोरोड (Belgorod) के उत्तर-पश्चिम के मैदान में सेना की कई नई सैन्य तैनातियां दिखती हैं. यह यूक्रेन के बॉर्डर से केवल 30 किलोमीटर दूर है. यहां अधिकतर उपकरण और सेना जंगलों के इलाके में तैनात है. सैन्य दलों की तैनाती खेतों और औद्योगिक इलाकों में की गई है.
फ्रांस के मनाने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) एक शिखर वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं. लेकिन यह तभी हो सकता है जब रूस यूक्रेन पर हमला ना करे.
यह शिखरवार्ता फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रां ने प्रस्तावित की थी. फ्रांस के राष्ट्रपति भवन Elysee के अनुसार इस शिखरवार्ता में इस मामले से जुड़े पक्षों को भी शामिल किया जाएगा. इस शिखरवार्ता में "यूरोप की सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता" पर चर्चा की जाएगी. अमेरिका-रूस इस शिखर वार्ता की तैयारी मंगलवार के शुरू होगी.
रूस ने यूक्रेन के चारों तरफ 150,000 से अधिक सेना की तैनाती की है. यहां मिसाइलें और युद्धपोत भी हमले के लिए तैयार हैं.
इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने यह मांग और भी सख्ती से रखी है कि नाटो (North Atlantic Treaty Organisation) पूर्वी यूरोप से अपनी सेना की वापसी करेगा और दशकों पहले की अपनी जगह पर लौट जाएगा.