कोविड19 (Covid19) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के लिए अब अमेरिका की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइज़र (Pfizer) और जर्मनी की बायोएनटेक (BioNTech) ने मिलकर एक नई वैक्सीन बना ली है. फाइज़र और बायोएनटेक ने इसके लिए क्लिनिकल ट्रायल (Clinical Trial) भी शुरू कर दिए हैं. इन ट्रायल्स में 55 साल तक के व्यस्कों में ख़ास तौर से ओमिक्रॉन पर काम करने वाली कोरोनावायरस वैक्सीन (Coronavirus) की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune response) की जांच की जाएगी. साथ ही यह भी देखा जाएगा कि यह वैक्सीन कितनी सुरक्षित है.
Pfizer के CEO अल्बर्ट बोरला (Albert Bourla)ने इससे पहले एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कंपनी मार्च तक इस वैक्सीन को लगाने की मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है.
यह ट्रायल 18-55 सा्ल की उम्र के 1,420 लोगों पर किए जाएंगे. फाइज़र ने AFP से कहा कि वह 55 साल से अधिक उम्र के लोगों को इसलिए शामिल नहीं कर रही है क्योंकि इस स्टडी का मकसद इसका प्रभाव देखना नहीं बल्कि इम्यूनिटी रेस्पांस देखना है. फाइज़र-बायोएनटेन की वैक्सीन को सबसे पहले कोविड 19 की वैक्सीन के तौर पर पश्चिमी देशों में दिसंबर 2020 में मान्यता मिली थी. यह वैक्सीन RNA तकनीक पर आधारित थी और जेनेटिक कोड के आधार पर इसे अपडेट करना बाक़ी वैक्सीन की तुलना में आसान है.
यह स्टडी तीन ग्रुप्स में होगी. पहला वो जिन्होंने Pfizer-BioNTech की कोविड वैक्सीन की दो डोज़ 90-180 दिन पहले ली हैं. इन्हें ओमिक्रॉन वैक्सीन की एक या दो डोज़ दी जाएंगी.
दूसरे ग्रुप में 90-180 दिन पहले मौजूदा वैक्सीन की तीन डोज़ लेने वालों को रखा जाएगा और इन्हें पुरानी वैक्सीन या ओमिक्रॉन वैक्सीन का एक और शॉट दिया जाएगा.
तीसरे और आखिरी समूह में उन लोगों को रखा जाएगा जिन्होंने पहले कभी कोरोना की वैक्सीन नहीं ली और इन्हें ख़ास तौर से ओमिक्रॉन के लिए बनी वैक्सीन की तीन डोज दी जाएंगी.
कंपनी में रिसर्च की अध्यक्ष कैथरीन जेनसन ने कहा कि मौजूदा डेटा यह बताता है कि कोविड 19 वैक्सीन का मौजूदा बूस्टर ओमीक्रॉन के कई नुकसानों से बचाता है इसलिए कंपनी बहुत ध्यान से काम कर रही थी. उन्होंने कहा, " हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि समय के साथ कोरोना के टीके की रोग प्रतिरोधक क्षमता ओमीक्रॉन और भविष्य में आने वाले नए वेरिएंट्स के लिए कम हो जाती है."
जर्मन बायोटेक कंपनी BioNTech की सीईओ यूगुर साहिन ( Ugur Sahin) ने कहा कि हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण करने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले में कोरोना के सबसे पहले बने टीके की रोग प्रतिरोधक क्षमता और भी तेजी से खत्म होती है.
यूगुर साहिन ने कहा, "यह स्टडी हम वेरिएंट पर आधारित वैक्सीन बनाने के लिए कर रहे हैं जो पिछले वेरिएंट की तरह ओमिक्रॉन पर भी उतनी ही प्रभावी रहे और उसकी सुरक्षा लंबे समय तक बनी रहे."