US में Omicron के संक्रमण में 'विस्फोटक तरीके' से बढ़ोतरी, लेकिन एक अच्छी खबर भी है

Omicron cases in US : इस वेरिएंट के मरीजों में कोविड के हल्के लक्षण ही दिख रहे हैं, लेकिन अस्पतालों में इतनी तेजी से भर्तियां बढ़ रही है कि कई अस्पतालों का मानना है कि इस लहर में हॉस्पिलाइजेशन रेट या तो पिछली लहरों के बराबर या फिर उससे भी ज्यादा ऊपर पहुंच सकता है.

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US में ओमिक्रॉन से बढ़ रहा हॉस्पिटलाइजेशन रेट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

यूनाइटेड स्टेट्स में ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Cases in US) के मामले इतनी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं कि वहां अस्पतालों में मरीजों की संख्या एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगी है. हालांकि, इस वेरिएंट के मरीजों में कोविड के हल्के लक्षण ही दिख रहे हैं, लेकिन अस्पतालों में इतनी तेजी से भर्तियां बढ़ रही है कि कई अस्पतालों का मानना है कि इस लहर में हॉस्पिलाइजेशन रेट या तो पिछली लहरों के बराबर या फिर उससे भी ज्यादा ऊपर पहुंच सकता है. Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में अस्पताल आने वाले हफ्तों में कोविड मरीजों के लिए बेड की जरूरत के अनुमान से तैयारी बढ़ा रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक कनेटिकट के येल न्यू हेवन हॉस्पिटपल की क्षमता का प्रबंधन देखने वाले रॉबर्ट फोगर्टी ने बताया कि उनके अस्पताल में अप्रैल, 2020 में कोविड मरीजों की पीक पर संख्या 451 थी. उन्हें लगता है कि उनके अस्पताल में अगले हफ्ते ही इससे ज्यादा संख्या हो जाएगी.

हालांकि, फोगर्टी और कुछ दूसरे हॉस्टिपल डेटा एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक अच्छी खबर ये है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों में दूसरे वेरिएंट्स के मुकाबले इंटेंसिव केयर यूनिट की जरूरत कम लोगों को पढ़ रही है. ऐसा खासकर उन जगहों पर ज्यादा देखने को मिल रहा है, जहां वैक्सीनेशन रेट ज्यादा हाई है.

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वैसे ओमिक्रॉन के लक्षण अब तक हल्के ही दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में कोविड मरीजों के लिए बेड की डिमांड बढ़ी है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुछ सुरक्षात्मक कदम उठाए हैं. वो लोगों से बूस्टर वैक्सीन लेने और ज्यादा हाई-क्वालिटी के मास्क लगाने जैसे बचाव के कदम उठाने का आग्रह कर रहे हैं. 

बहुत सारे अस्पतालों में कोविड मरीज हैं, लेकिन वो किन्ही अन्य स्वास्थ्य कारणों से एडमिट हुए थे. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूएस में ओमिक्रॉन की पीक बस आने ही वाली है और मरीजों की संख्या पिछली सर्दियों से भी ज्यादा हो सकती है. लेकिन इस लहर को पिछली लहरों से काफी अलग माना जा रहा है.

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