अमेरिकी अदालत के 'आरक्षण' फैसले की ओबामा दंपति ने की आलोचना, ट्रंप ने खुलकर की तारीफ

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ओबामा ने तर्क दिया कि ये नीतियां यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक थीं कि सभी छात्रों के पास जाति या जातीयता की परवाह किए बिना, सफल होने का अवसर है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
अमेरिकी अदालत के आरक्षण फैसले की ओबामा दंपति ने आलोचना की है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विश्वविद्यालयों में दाखिले में नस्ल और जातीयता के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के फैसले का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि उक्त नीतियों ने उन्हें और उनकी पत्नी मिशेल समेत 'छात्रों की कई पीढ़ियों को' यह साबित करने का मौका दिया कि वो उससे संबंधित हैं. 

ओबामा ने तर्क दिया कि ये नीतियां यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक थीं कि सभी छात्रों के पास जाति या जातीयता की परवाह किए बिना, सफल होने का अवसर है.

ओबामा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "इस तरह की कार्रवाई कभी भी एक अधिक न्यायसंगत समाज की ओर अभियान में एक पूर्ण उत्तर नहीं थी. लेकिन छात्रों की पीढ़ियों के लिए, जिन्हें अमेरिका के अधिकांश प्रमुख संस्थानों से व्यवस्थित रूप से बाहर रखा गया था, उन्हें इस नीति ने यह दिखाने का मौका दिया कि हम भी उस सीट के हकदार हैं."

उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के मद्देनजर, हमारे प्रयासों को दोगुना करने का समय आ गया है."

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय और उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के प्रवेश कार्यक्रम अमेरिकी संविधान के 14 वें संशोधन के समान संरक्षण खंड का उल्लंघन थे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने 6-3 के फैसले में विचारधारा के आधार पर मतदान किया, जिसने नीति को खारिज कर दिया - एक निर्णय जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सहित रिपब्लिकन द्वारा सराहा गया था, और डेमोक्रेट्स द्वारा आलोचना की गई थी. 

पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने एक अलग बयान में कहा, 'मेरा दिल किसी भी ऐसे युवा के लिए टूट जाता है जो सोच रहा है कि उनका भविष्य क्या है और उनके लिए किस तरह के मौके खुले हैं." डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि नीति को रद्द करने का निर्णय अमेरिका को "बाकी दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा" करने में सक्षम करेगा. 

उन्होंने अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "यह वो फैसला है जिसका हर कोई इंतजार कर रहा था और उम्मीद कर रहा था और नतीजा शानदार रहा. यह हमें बाकी दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धी भी रखेगा. हमारे बुद्धिमान लोगों का सम्मान किया जाना चाहिए. हम सभी योग्यता-आधारित पर वापस जा रहे हैं और ऐसा ही होना चाहिए."

Advertisement

यह भी पढ़ें -
कैबिनेट में फेरबदल को लेकर LG-केजरीवाल में तनातनी, आतिशी को मिल सकता है अतिरिक्त प्रभार
शरद पवार ने UCC पर मांगा स्पष्टीकरण, संसद और विधासभा में महिला आरक्षण लागू करने पर दिया जोर

Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: भारत और कुवैत के बीच हो सकते हैं ये अहम समझौते
Topics mentioned in this article