"कोई भी दबाव इजरायल को नहीं रोक पाएगा": वैश्विक नेताओं से बोले नेतन्याहू

नेतन्याहू ने कहा, "मैं दुनिया के नेताओं से कहता हूं कि कोई भी दबाव, किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच का कोई भी निर्णय, इजरायल को अपनी रक्षा करने से नहीं रोक पाएगा."

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यरूशलम:

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने रविवार को "यहूदी विरोधी भावना के ज्वालामुखी" और गाजा में इजरायल के युद्ध की अंतरराष्‍ट्रीय आलोचना की निंदा की है. साथ ही नेतन्‍याहू ने जोर देकर कहा है कि कोई भी दबाव उसे अपना बचाव करने से नहीं रोक पाएगा. साथ ही नेतन्‍याहू ने कहा, "अगर इजरायल को अकेले खड़े होने के लिए मजबूर किया गया तो इजरायल अकेला खड़ा रहेगा."

यरूशलम के याद वाशेम स्मारक पर होलोकॉस्ट स्मरण दिवस पर बोलते हुए उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों ने 60 लाख यहूदियों को मार डाला था तो उनके लोग "उन लोगों के खिलाफ पूरी तरह से रक्षाहीन थे जो हमारे विनाश की मांग कर रहे थे."

उन्होंने कहा कि जब इजरायली का झंडा आधा झुका हुआ था और नरसंहार से बचे लोग मशालें जलाने के लिए तैयार थे तो "कोई भी देश हमारी सहायता के लिए नहीं आया." 

आज हम फिर दुश्‍मनों का सामना कर रहे हैं : नेतन्‍याहू

नेतन्याहू ने समारोह के लिए एकत्रित भीड़ से कहा, "आज, हम फिर से उन दुश्मनों का सामना कर रहे हैं जो हमारे विनाश पर आमादा हैं."

गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक पीली कुर्सी खाली रखी गई थी. 

उन्‍होंने कहा, "मैं दुनिया के नेताओं से कहता हूं कि कोई भी दबाव, किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच का कोई भी निर्णय, इजरायल को अपनी रक्षा करने से नहीं रोक पाएगा."

इसके साथ ही उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद गाजा में युद्ध को लेकर इजराइल के खिलाफ दुनिया भर में हो रही  आलोचना पर अफसोस जताया. उन्होंने "यहूदी विरोधी इस भयानक ज्वालामुखी" की निंदा की और कहा कि यह दुनिया भर में बढ़ रहा है. 

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विश्‍वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शनों पर दी तीखी प्रतिक्रिया 

नेतन्याहू ने अमेरिका और दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में देखे गए विरोध प्रदर्शनों की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन विश्वविद्यालयों में यहूदियों के खिलाफ भेदभाव से की. उन्होंने कहा, ''न्याय और इतिहास को कैसे तोड़ा-मरोड़ा है.''

उन्होंने कहा कि आलोचना "हमारे द्वारा किए गए कार्यों के कारण नहीं है, बल्कि इसलिए है क्योंकि हमारा अस्तित्व है... क्योंकि हम यहूदी हैं."

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युद्ध में करीब 35 हजार से अधिक लोगों की मौत 

इजरायली आधिकारिक आंकड़ों की एएफपी टैली के मुताबिक, इजरायल पर हमास के हमले के बाद गाजा का सबसे खूनी युद्ध शुरू हुआ. हमले के कारण 1,170 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. हमले के दौरान हमास ने करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था. इजरायल का अनुमान है कि 128 लोग अभी भी गाजा में बंदी हैं, जिनमें से 35 सेना के अनुसार मारे गए हैं. 

वहीं हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के जवाबी हमले में गाजा में कम से कम 34,683 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. 

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