न्यूज़ीलैंड: 33 वर्षीय महिला की दुर्लभ बीमारी से मौत, डॉक्टरों ने बीमारी का नाटक करने की कही थी बात

एनआईएच (NIH) के अनुसार, एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम (Ehlers-Danlos Syndrome) कई प्रकार के होते हैं. यह सामान्य से लेकर लोगों के जान के लिए खतरा तक बन सकता है.

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रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2015 में जब एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम (Ehlers-Danlos Syndrome) के लक्षण शुरू हुए थे तब एस्टन सिर्फ 25 वर्ष की थीं.
नई दिल्ली:

न्यूज़ीलैंड की 33-वर्षीय महिला की एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम (Ehlers-Danlos Syndrome) से तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई. इस महिला पर अपनी बीमारी के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया गया था. न्यूज़ीलैंड हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, 1 सितंबर को 33 वर्षीय स्टेफ़नी एस्टन की ऑकलैंड में उनके घर पर मौत हो गई. एस्टन के बारे में डॉक्टरों ने बताया था कि वह ईडीएस के लक्षणों का दिखावा कर रही थी और इसके लिए मानसिक बीमारी को जिम्मेदार ठहराया गया था.

द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2015 में जब ये लक्षण शुरू हुए थे तब एस्टन सिर्फ 25 वर्ष की थीं. उस समय, उन्हें नहीं पता था कि उन्हें यह बीमारी अनुवांशिक हुई है.

जानें इस दुर्लभ बीमारी के लक्षण
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के अनुसार, ईडीएस इनहेरिटेड डिसऑर्डर का एक ग्रुप है जो कनेक्टिव टिशूज को कमजोर करता है. कनेक्टिव टिशूज  प्रोटीन होते हैं जो त्वचा, हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और शरीर के अन्य अंगों को सहारा देते हैं. ईडीएस आमतौर पर आपकी त्वचा, जोड़ों और रक्त वाहिका की दीवारों को प्रभावित करता है. इसके लक्षणों में ढीले जोड़, नाजुक, छोटी रक्त वाहिकाएं, असामान्य निशान बनना और घाव , नरम, मखमली, खिंचाव वाली त्वचा जो आसानी से चोट खा जाती है आदि शामिल हैं.

लगभग 5,000 लोगों में से 1 लोग ईडीएस के शिकार
एनआईएच (NIH) के अनुसार, ईडीएस कई प्रकार के होते हैं. यह सामान्य से लेकर लोगों के जान के लिए खतरा तक बन सकता है. आज लगभग 5,000 लोगों में से 1 लोग ईडीएस के शिकार है और इसका कोई इलाज नहीं है.

डॉक्टर ने बीमारी का नकली लक्षण दिखाने का लगाया आरोप
ईडीएस के मरीजों को अक्सर दवाओं और फिडिकल थेरेपी के साथ इलाज के माध्यम से उनके बीमारी के लक्षणों को कम किया जा सकता है. न्यूजीलैंड हेराल्ड के अनुसार, एस्टन ईडीएस के  लक्षणों के बाद डॉक्टरों के पास पहुंचीं - जिनमें गंभीर माइग्रेन, पेट में दर्द, जोड़ों की समस्या, आसानी से चोट लगना, बेहोशी, तचीकार्डिया, आयरन की कमी और कई चोटें शामिल थी.  जिसके बाद उसे ऑकलैंड अस्पताल रेफर किया गया, जहां एक डॉक्टर ने उस पर बीमारी का नकली लक्षण दिखाने का आरोप लगाया.

महिला को साइकेट्रिस्ट की निगरानी में रखा गया
इस आरोप के कारण, स्टेफ़नी एस्टन को साइकेट्रिस्ट की निगरानी में रखा गया था. दरअसल, उसे रेक्टल एग्जामिनेशन करानी पड़ी और उस पर खुद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया. इसके साथ ही बेहोशी के दौरे, बुखार और खांसी के दौरे का नाटक करने का भी शक था.

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एस्टन की मौत ने ईडीएस कम्युनिटी को झकझोरा
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, एस्टन को तीन स्पेशलिस्ट द्वारा ईडीएस डायगनोसिस किया गया था. एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम्स न्यूजीलैंड के फाउंडर केली मैकक्विलन ने कहा कि 2018 के बाद से बहुत कुछ नहीं बदला. लेकिन एस्टन की मौत ने ईडीएस कम्युनिटी को झकझोर कर रख दिया है.
 

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