Nepal COAS: कौन हैं आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल, क्‍या संभालेंगे नेपाल की बागडोर?

नेपाल में यदि सत्ता संघर्ष या व्यापक अशांति होती है तो संवैधानिक प्रावधानों के तहत देश की अस्थाई बागडोर सेना प्रमुख को सौंपी जा सकती है.

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नेपाल में बढ़ते हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को भी इस्तीफा देना पड़ा है. राष्ट्रपति पौडेल के निजी आवास पर कब्जा कर लिया गया है. मंत्रियों के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है और कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव की घटनाएं सामने आ रही हैं. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और माना जा रहा है कि राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चुनौतियों के बीच नेपाली सेना के मुख्य सेनाध्यक्ष (Chief of Army Staff) के हाथ में देश की अस्थाई कमान भी आ सकती है. इसी वजह से सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल का नाम लगातार सुर्खियों में है. 

प्रभावी नेतृत्‍व शैली, दूरदर्शी दृष्टिकोण

नेपाल में नई सियासी चुनौती या इमरजेंसी की स्थिति में सेना प्रमुख की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. यदि सत्ता संघर्ष या व्यापक अशांति होती है तो संवैधानिक प्रावधानों के तहत देश की अस्थाई बागडोर सेना प्रमुख को सौंपी जा सकती है. जनरल सिगडेल की अनुभव, छवि और रणनीति के कारण उन्हें इस वक्त नेपाल की सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में गिना जा रहा है.

जनरल सिगडेल प्रभावी नेतृत्व, रणनीतिक सूझ-बूझ और वैश्विक सैन्य संबंधों के पक्षधर माने जाते हैं. हाल के वर्षों में नेपाल में आंतरिक व्यवस्था, सीमा विवाद और आपदा प्रबंधन में उनकी निर्णायक भूमिका रही है. भारत की 'नेबर फर्स्‍ट पॉलिसी' के तहत भी उन्हें विशेष तवज्जो मिली है.

अनुभवों की बदौलत बने सेनाध्‍यक्ष 

जनरल अशोक राज सिगडेल का जन्म 1 फरवरी 1967 को नेपाल में हुआ था. सैन्य शिक्षा और अनुभव के चलते वे लगातार सेना में पदोन्नति पाते रहे और आखिरकार 9 सितंबर 2024 को नेपाल के राष्ट्रपति से सेनाध्यक्ष पद की शपथ ली. वे जनरल प्रभु राम शर्मा के उत्तराधिकारी बने, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय सेना व क्षेत्रीय सहयोग को भी मजबूती दी थी.

अंतरराष्ट्रीय संबंध में माहिर हैं सिगडेल 

जनरल सिगडेल ने नेपाल के सैन्य ढांचे को आधुनिक करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. दिसंबर 2024 में उन्होंने भारत का चार दिवसीय दौरा किया था, जहां उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सेना के जनरल की मानद रैंक से भी सम्मानित किया. उनकी भारतीय रक्षा मंत्री और भारतीय रक्षा अधिकारियों से मुलाकात हुई, जिसने नेपाल-भारत रिश्तों में नई ऊर्जा भरी थी. भारत ने नेपाल को रक्षा उपकरण, मेडिकल किट और सैन्य प्रशिक्षण आदि में सहयोग भी दिया है.

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