अफगानिस्तान (Afghanistan) में शनिवार को आए भूकंप में मरने वालों की संख्या लगातार बढती जा रही है. तालिबान प्रशासन ने रविवार को कहा कि भूकंप में 2400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि शनिवार को आए भूकंप का केंद्र हेरात शहर से उत्तर-पश्चिम में करीब 35 किमी दूर था, जिसकी तीव्रता 6.3 थी. यहां पर 4.3 से 6.3 तीव्रता के आठ भूकंप के झटके महसूस किए गए. फरवरी में तुर्की और सीरिया में आए भूकंपों में अनुमानित 50,000 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद यह इस साल दुनिया के सबसे घातक भूकंपों में से एक थे.
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, आपदा मंत्रालय के प्रवक्ता जनान सईक ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,445 हो गई है, लेकिन उन्होंने घायलों की संख्या को संशोधित कर "2,000 से अधिक" कर दिया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि 9,240 लोग घायल हुए हैं. इसके साथ ही सईक ने यह भी कहा कि 1,320 घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं.
कतर में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख सुहैल शाहीन ने मीडिया को बताया कि बचाव और राहत के लिए भोजन, पीने का पानी, दवा, कपड़े और टेंट की तत्काल आवश्यकता है.
सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से पता चलता है कि हेरात की मध्ययुगीन मीनारों को कुछ नुकसान हुआ है, जिनमें दरारें दिखाई दे रही हैं और टाइलें गिर गई हैं.
ईरान की सीमा से 120 किलोमीटर पूर्व में स्थित हेरात को अफगानिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है. यह हेरात प्रांत की राजधानी है, जो 2019 के विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, करीब 19 लाख लोगों की आबादी का घर है.
अफगानिस्तान अक्सर भूकंप से प्रभावित होता है, खासकर हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है.
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