भारत-चीन के बीच सैन्य विस्तार से बढ़ रहा है युद्ध का खतरा : अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच रिश्ते वर्ष 2020 में हुई कई दशकों की सबसे गंभीर और घातक झड़प के मद्देनज़र तनावपूर्ण रहेंगे, और यह माहौल दोनों देशों - भारत और चीन - द्वारा द्विपक्षीय सीमा वार्ता में जुटे रहने और सीमा विवाद को हल करने की कोशिशों के बावजूद बना रहेगा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन के बीच तनाव के चलते अमेरिकी नागरिकों और हितों के लिए सीधा खतरा उत्पन्न हो सकता है...

अमेरिकी इन्टेलिजेन्स कम्युनिटी की एनुअल थ्रेट एसेसमेंट (खतरे का सालाना आकलन) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन द्वारा सीमा के विवादित हिस्से पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों से दोनों परमाणु ताकतों के बीच सशस्त्र टकराव का जोखिम बढ़ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति को सौंपी गई खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे अमेरिकी नागरिकों और हितों के लिए सीधा खतरा उत्पन्न हो सकता है, और इसीलिए अमेरिकी हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच रिश्ते वर्ष 2020 में हुई कई दशकों की सबसे गंभीर और घातक झड़प के मद्देनज़र तनावपूर्ण रहेंगे, और यह माहौल दोनों देशों - भारत और चीन - द्वारा द्विपक्षीय सीमा वार्ता में जुटे रहने और सीमा विवाद को हल करने की कोशिशों के बावजूद बना रहेगा.

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच पिछली झड़पों ने साबित किया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव बहुत तेज़ गति से बढ़ सकता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच रक्षा मामलों से जुड़ी खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में अपनी टुकड़ियों के लिए कड़ी एडवायज़री जारी की थी, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जवान चीनी मोबाइल फोनों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

Advertisement

रक्षा मामलों से जुड़ी खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी एडवायज़री में कहा गया था, "टुकड़ियों और यूनिटों को अपने जवानों को अलग-अलग तरीकों से संवेदनशील बनाना होगा, ताकि वे ऐसे (चीन-निर्मित) मोबाइल फोन उपकरणों के इस्तेमाल में सावधानी बरतें..."

Advertisement

एडवायज़री में सैन्य खुफिया एजेंसियों ने सैन्य टुकड़ियों से कहा है, "जवानों और उनके परिवारों को भारत के साथ अच्छे रिश्ते नहीं रखने वाले मुल्कों से आए फोन खरीदने और इस्तेमाल करने के प्रति हतोत्साहित करें..." सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एडवायज़री इसलिए जारी की गई है, क्योंकि ऐसे मामले सामने आए, जिनमें एजेंसियों ने कथित रूप से चीनी मूल के मोबाइल फोनों में मैलवेयर और स्पाईवेयर पाए.

Advertisement

खुफिया एजेंसियों ने यूनिटों और टुकड़ियों के लिए जारी एडवायज़री में संलग्न सूची में उल्लिखित फोनों के बजाय 'अन्य फोनों की तरफ बदलाव करने' के लिए कहा गया है. भारत में बाज़ारों में मौजूद चीनी मोबाइल फोनों में वीवो, ऑपो, श्याओमी, वन प्लस, ऑनर, रियल मी, ज़ेडटीई, जियोनी, आसुस और इनफिनिक्स शामिल हैं.

Advertisement

खुफिया एजेंसियां अतीत में भी ​​चीन-निर्मित मोबाइल फोन एप्लिकेशनों के खिलाफ काफी सक्रिय रही हैं, और इस तरह के कई-कई एप्लिकेशन सैन्य कर्मियों के फोन से डिलीट किए गए थे.

भारत-चीन के बीच सीमा से जुड़े मामलों (WMCC) पर सलाह-मशविरे और समन्वय के लिए वर्किन्ग मैकेनिज़्म की 26वीं बैठक 22 फरवरी, 2023 को बीजिंग में आयोजित की गई थी, जो जुलाई, 2019 के बाद हुई पहली बैठक थी, जिसमें अधिकारी आमने-सामने शामिल हुए.

बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया, जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक ने किया.

बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में LAC पर स्थिति की समीक्षा की और शेष इलाकों में सेनाओं के पीछे हटने के प्रस्तावों पर चर्चा की. पश्चिमी क्षेत्र में LAC पर अमन-चैन बहाल करने और द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के हालात बनाने के मकसद से रचनात्मक चर्चा की गई.

मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों पक्ष वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले (18वें) दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए. वे उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा जारी रखने पर भी सहमत हुए.

अमेरिकी राष्ट्रपति को सौंपी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते चिंता का विषय हैं, हालाँकि फ़िलहाल दोनों सीज़फ़ायर पर टिके हैं. वैसे, पाकिस्तान का इतिहास है कि वह भारत के खिलाफ आतंकियों का समर्थन करता है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले से कहीं ज़्यादा संभव है कि भारत ऐसे किसी उकसावे का जवाब सैन्य तरीके से देगा. इसके लिए कश्मीर में अनरेस्ट और भारत में आतंकी हमले फ्लैश प्वाइंट हो सकते हैं.

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack पर Robert Vadra ने ऐसा क्या विवादित बोला था कि BJP भड़क गई? | Jammu Kashmir