वॉशिंगटन : मुंबई में 2008 में हुआ आतंकी हमला कभी भुलाया नहीं जा सकता. इस हमले में भारत ही नहीं कई विदेश भी मारे गए थे. बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को कहा कि 2008 में मुंबई में आतंकवादियों द्वारा किए गए क्रूर हमले की यादें अभी तक भारत और अमेरिका दोनों में ताजा हैं. विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले की यादें अभी तक ताजा हैं. वे यहां (और) भारत में अभी भी जीवंत हैं."
प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, न केवल उन व्यक्तिगत गुर्गों ने, जिन्होंने उस दिन इतने सारे निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि इसके पीछे जो आतंकवादी समूह थे, जिन्होंने इसे व्यवस्थित करने में मदद की. इन्हें सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, "वे अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ज्वलंत हैं. हम सभी उस दिन की भयावह कल्पना, होटल पर हमला, रक्तपात को भुला नहीं सके हैं. यही कारण है कि हम इसके दोषियों के लिए जवाबदेही पर जोर देना जारी रखते हैं."
देश के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक, जिसमें 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए थे. इस हमले में पाकिस्तान के 10 भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में तबाही मचाई थी. भारतीय सुरक्षा बलों ने नौ पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया. अजमल कसाब इकलौता आतंकी था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था. चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को मुकदमे के बाद उसे फांसी दे दी गई.
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