- मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने अशांति खत्म करने के लिए अपनी सरकार को बर्खास्त किया था
- सेना की CAPSAT यूनिट ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पूरी सेना पर कब्जा कर नया सैन्य प्रमुख नियुक्त किया
- राष्ट्रपति राजोएलिना ने इसे अवैध तख्तापलट की कोशिश करार देते हुए बातचीत को संकट समाधान का एकमात्र रास्ता बताया
मेडागास्कर के Gen Z आंदोलन ने एक अलग रूप ले लिया है. मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने घातक अशांति को खत्म करने के लिए अपनी सरकार को बर्खास्त कर दिया था लेकिन उनकी यह तरकीब भी काम नहीं आई है. अब यहां के नौजवानों के विद्रोह में सेना की एंट्री हो गई है. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के पक्ष में मेडागास्कर सेना की एक युनिट ने पूरी सेना पर ही कब्जा कर लिया है. इसने रविवार को एक नया सैन्य प्रमुख नियुक्त कर दिया. जबकि राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने इसे "अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा करने के प्रयास" करार देते हुए इसकी निंदा की.
अफ्रीकी महाद्वीप के मेडागास्कर में 25 सितंबर को सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे. इसके बाद दो सप्ताह से अधिक समय में कई लोग मारे गए हैं. इन लोगों की याद में राजधानी में रैली निकाली जा रही है. सेना की एक युनिट- CAPSAT दल के सैनिक लगातार दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों के साथ इन रैलियों में शामिल हुए.
पूरी सेना पर कब्जा
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इन युनिट के सैनिक कई हजार प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए शहर के केंद्र में दाखिल हुए और भीड़ ने भी खुशी के साथ उनका स्वागत किया. रविवार तड़के इस गुट ने एक वीडियो बयान में दावा किया कि "अब से, मालागासी सेना के सभी आदेश - चाहे भूमि, वायु या नौसेना - CAPSAT मुख्यालय से ही जारी होंगे". यह ऐलान था कि पूरी सेना पर इस गुट ने कब्जा कर लिया है.
कुछ घंटों बाद, सेना मुख्यालय में एक समारोह के दौरान नए सेनाध्यक्ष जनरल डेमोस्थनी पिकुलस को चुना गया, जिसमें सशस्त्र बल के मंत्री मनंतसोआ डेरामासिंजाका राकोतोरिवेलो भी शामिल हुए.
वहीं CAPSAT यूनिट के कर्नल माइकल रैंड्रिअनिरिना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों में शामिल होने का उनकी यूनिट का निर्णय तख्तापलट जैसा नहीं है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमने लोगों के आह्वान का जवाब दिया, लेकिन यह तख्तापलट नहीं था."
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