ब्रिटेन (Britain) में एक ही प्रकार के कोरोना संक्रमण (Coronavirus Infection) से दुनिया में सबसे अधिक दिनों तक संक्रमित रहने का मामला सामने आया है. मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में कोरोना संक्रमित होने के बाद यह मरीज करीब 18 महीनों तक कोरोना से संक्रमित रहा और 505वें दिन उसकी मौत हो गई. महामारी की शुरुआत के बाद यह कोरोना संक्रमण का सबसे लंबा मामला है मरीज की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई थी.
डॉक्टर्स ने हालांकि यह सार्वजनिक नहीं किया कि मरीज की उम्र क्या थी या उसे कौन सी वैक्सीन लगी थी. मरीज को कोरोनावायरस के 10 म्यूटेशन्स का संक्रमण हो गया था जिसमें अल्फा, गामा और ओमिक्रॉन भी शामिल है. इस मामले पर लंदन के किंग कॉलेज के के एक्सपर्ट रिसर्च कर रहे हैं और साथ ही नेशनल हेल्थ सर्विसेज़ की Guy's and St Thomas भी इसे लेकर रिसर्च कर रही है.
यह टीम HIV या अन्य कारणों से कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले 9 मरीजों पर रिसर्च कर रही है. जबकि दो अन्य एंटीबॉडी थेरेपी और एंटी वायरल मेडिसिन से ठीक हो गए चार की ऐसे मरीजों की मौत हो गई. दो अन्य मरीज बिना किसी ट्रीटमेंट के ठीक हो गए. लेकिन नौवां मरीज अब भी 412वें दिन कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है.
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति खास तौर से कोविड संक्रमण से अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि उनके शरीर का प्राकृतिक रक्षात्मक तंत्र कमजोर हो जाता है. इस वजह से, उन्हें ठीक होने में समय लगता है और वायरस उनके शरीर में अधिक समय तक रहता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे वायरस को शरीर के भीतर म्यूटेट करने का अधिक समय मिलता है, जिससे एक नया वेरिएंट पैदा हो सकता है. मेट्रो ने रिपोर्ट किया.
शोधकर्ताओं ने अपने नतीजे पुर्तगाल में स्थित यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इनफेक्शियस डिसीज़ (European Congress of Clinical Microbiology and Infectious Diseases) के सामने रखे हैं. यह रिसर्च कोविड और लोगों पर इसका असर समझने के लिए किए जा रहे प्रोजेक्ट का हिस्सा है. ताजा स्टडी दावा करती है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लंबे समय तक रहने वाले कोविड के लक्षण अधिक रहते हैं.
लंबे समय तक रहने वाला कोविड उसे कहते हैं जब यह तेज संक्रमण के शुरुआती लक्षणों के 12 हफ्तों बाद भी दिखाई दे.