- ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य के सर्वोच्च न्यायालय में वकील ने मर्डर केस में एआई से फर्जी जानकारी पेश की
- वकील ऋषि नाथवानी ने झूठे तथ्य अदालत में प्रस्तुत किए, बाद में माफी मांगकर अपनी गलती स्वीकार की
- अदालत ने वकील के झूठे दावों पर भरोसा न करने की चेतावनी दी और भविष्य में सावधानी बरतने को कहा
ऑस्ट्रेलिया की कोर्ट में एआई का गलत इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है. दरअसल एक वकील ने एआई की मदद से मर्डर के मामले में झूठे और फर्जी फैक्ट्स जुटाकर कोर्ट में दलीलें दीं. वकील की तरफ से ऐसी जानकारियां दी गईं, जो असल में थी ही नहीं. जब इस पूरे मामले में सच सामने आया तब कोर्ट से वकील ने माफी मांगी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला विक्टोरिया राज्य के सर्वोच्च न्यायालय का है. यहां वकील ऋषि नाथवानी एक किशोर का मर्डर केस में बचाव कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने एआई से फर्जी फैक्ट्स का सहारा लिया. सच सामने आने के बाद वकील ने कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती के लिए वो शर्मिंदा हैं. ऋषि नाथवानी की इस गलती से कोर्ट को फैसला सुनाने में 1 दिन से ज्यादा की देरी हुई. हालांकि केस में कोर्ट ने आरोपी को विकलांग होने की वजह से दोषी नहीं माना.
कैसे पकड़ा गया झूठ
जब वकील ऋषि नाथवानी कोर्ट में दलीलें दे रहे थे, तब कोर्ट ने इसके प्रूफ मांगे. तब जाकर ऋषि नाथवानी ने पूरा सच बताया कि उनके पास इसके सबूत नहीं है, क्योंकि ये सभी दलीलें वास्तव में ही ही नहीं. कोर्ट की तरफ से कहा गया कि जो भी हुआ वो गलत है. वकीलों की इस तरह की दलीलों पर भविष्य में भरोसा उठ सकता है. आपको बता दें कि कोर्ट ने पिछले साल एआई के इस्तेमाल पर कई दिशा निर्देष जारी किए थे. कोर्ट ने कहा था कि एआई के तथ्यों का जब तक वेरिफिकेशन नहीं हो जाता, तब तक उस पर भरोसा नहीं कर सकते.
अमेरिका में भी हुआ था एआई की मदद से फर्जी दलीलों का मामला
इससे पहले ऐसा ही मामला साल 2023 में अमेरिका से सामने आया था. तब कोर्ट ने दो वकीलों पर 5 हजार डॉलर का जुर्माना लगा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि आगे वकील अपनी दलीलों में एआई की मदद से फर्जी फैक्ट्स का इस्तेमाल ना करें इसलिए इस मामले में बड़ी कार्यवाई की जरूरत है.