King Charles III की ताजपोशी में इन रस्मों से मिलेगा राज-पाट, करना होगा थोड़ा इंतज़ार : रिपोर्ट

King Charles Coronation: यह ताजपोशी वेस्टमिन्सटर एबे (Westminster Abbey) में होगी. ताजपोशी समारोह महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की तुलना में बेहद छोटे स्तर पर और बिना अधिक चकाचौंध के होगा.   

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ब्रिटिश इतिहास में ताजपोशी के समय चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के शासक होंगे. (File Photo)

किंग चार्ल्स III (King Charles III) की ताजपोशी अगल साल 2023 में 3 जून को होगी. पेज सिक्स (Page Six) ने एक ब्रिटेन के पब्लिकेशन के हवाले से बताया कि यह ताजपोशी वेस्टमिन्सटर एबे (Westminster Abbey) में होगी. आगे कहा गया है कि यह समारोह उनकी मां की तुलना में बेहद छोटे स्तर पर होगा और बिना अधिक चकाचौंध के होगा.  चार्ल्स ने महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के निधन के दो दिन बाद ही पद संभाल लिया था लेकिन एक राजा के तौर पर उनका आधिकारिक कार्यकाल जून से शुरू होगा. उनके साथ कैमिला पार्कर को क्वीन कॉन्सोर्ट का ताज पहनाया जाएगा. चार्ल्स ब्रिटिश इतिहास में ताजपोशी के समय सबसे अधिक उम्र के शासक होंगे. अगले साल किंग चार्ल्स 74 साल के हो जाएंगे.  

परंपरा के अनुसार, आने वाले राजा एडवर्ड्स चेयर (Edward's Chair) नाम के सिंहासन पर बैठेंगे. इसका नामकरण 1661 के राजा चार्ल्स द्वितीय के नाम पर किया गया है. वह उस समय राजा का सेप्टर, ऑर्ब और रॉड हाथ में लेंगे यह ईसाई दुनिया के प्रतीकचिन्ह के तौर पर हैं.  

पेज सिक्स के अनुसार, चार्ल्स जिस ताज को पहनेंगे उसका वरिष्ठ धार्मिक नेता तेल से अभिषेक करेंगे, आशीर्वाद देंगे और पवित्र करेंगे. इसके बाद होने वाली ताजपोशी से चार्ल्स राजा के तौर पर स्थापित हो जाएंगे.     

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फिर, क्वीन कॉन्सॉर्ट और चार्ल्स बकिंघम पैलेस की बालकनी से देश को संबोधित करेंगे.  चार्ल्स को प्राइवी काउंसिल में भाषण देने से पहले ब्रिटेन और कॉमनवेल्थ का शासक सितंबर 10 को ही मान लिया गया था.  

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उस समय उन्होंने कहा कि, "मेरी मां के शासन काल की उसकी अवधि, उसकी निष्ठा और  समर्पण के मामले में तुलना नहीं की जा सकती. अब जब हम शोक मना रहे हैं तब मैं सबसे ईमानदार जीवन के लिए उनका धन्यवाद देना चाहूंगा. मैं उनकी इस महान विरासत और इसके कर्तव्यों  और इस भारी संप्रभुता की जिम्मेदारी से भली भांति परिचतित हूं जो अब मेरे पास आई है."

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उन्होंने कहा था कि वो इस संवैधानिक सरकार को बनाए रखते हुए प्रेरणादायक उदाहरण का अनुकरण करने की पूरी कोशिश करेंगे और अपने लोगों और कॉमनवेल्थ के क्षेत्र और दुनिया में में शांति, समन्वय और समृद्धि की कामना करेंगे."

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आखिर में उन्होंने कहा, मैं इस अवसर पर यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरी इच्छा और मेरा मंतव्य इसी परंपरा को निभाने का है कि राजा की संपत्तियों समेत सारी आनुवांशिक आय, सरकार को दी जाए ताकि सभी का भला हो सके, और इसके बदले में मुझे वो संप्रभु ग्रांट मिलेगी जो हेड ऑफ स्टेट और हेड ऑफ द नेशन होने के मेरे आधिकारिक कर्तव्यों को पूरा करने में मदद करती है.   

 

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