रूस सबसे पहले बमबारी रोके, फिर बातचीत की मेज पर बैठे : यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की दो टूक

Russia Ukraine Crisis: रूसी सेना के आक्रमण के बाद भी जेलेंस्की ने यूक्रेन की राजधानी छोड़ने से इंकार कर दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनके देश को नाटो में शामिल नहीं किया जाता है तो भी उन सभी देशों से उन्हें सुरक्षा की एक पुख्ता गारंटी  चाहिए.

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Ukraine Crisis: यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस से सबसे पहले बमबारी रोकने को कहा...

यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) ने मंगलवार को कहा कि युद्धविराम पर सार्थक बातचीत शुरू होने से पहले रूस को यूक्रेनी शहरों पर बमबारी बंद करनी होगी. बता दें कि इसी हफ्ते पहले दौर की बातचीत से कोई सार्थक नतीजा  नहीं  निकल  पाया  था. न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने नाटो सदस्यों से रूसी वायुसेना को रोकने के लिए नो फ्लाई जोन लगाने का आग्रह किया.  उन्होंने ये भी कहा कि इस मुश्किल समय में यूक्रेन की मदद करके नाटो देश युद्ध में नहीं कूदेंगे, बल्कि वो सुरक्षा उपाय बढ़ाने का काम करेंगे.

रूसी सेना (Russia-Ukraine War) के आक्रमण के बाद भी जेलेंस्की ने यूक्रेन की राजधानी छोड़ने से इंकार कर दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उनके देश को नाटो में शामिल नहीं किया जाता है तो भी उन सभी देशों से उन्हें सुरक्षा की एक पुख्ता गारंटी  चाहिए. रूस के साथ आगे की बातचीत को लेकर जेलेंस्की ने रॉयटर्स और सीएनएन से कहा कि रूस को कम से कम लोगों पर बमबारी करना बंद करना चाहिए, बस बमबारी को रोके और फिर बातचीत की मेज पर बैठे. 

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन' संबोधन में अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ ‘‘पूर्व नियोजित तथा अकारण'' युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका उनके द्वारा पेश की गईं चुनौतियों का सामना करने को तैयार है. बाइडेन ने कहा कि अपने पूरे इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती, तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं। वे आगे बढ़ते रहते हैं और अमेरिका तथा विश्व के लिए खतरा बढ़ता जाता है.

पुतिन पर निशाना साधते हुए बाइडन ने कहा कि इसलिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का गठन किया गया। अमेरिका सहित 29 अन्य देश इसके सदस्य हैं। अमेरिकी कूटनीति मायने रखती है. राष्ट्रपति ने कहा कि पुतिन का युद्ध पूर्व नियोजित और अकारण है. उन्होंने कूटनीति के प्रयासों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोचा था कि पश्चिमी देश और नाटो इसका जवाब नहीं देंगे। उन्हें लगा था कि वह हमारे घर में ही हमें बांट सकते हैं। पुतिन गलत थे। हम तैयार हैं.

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