अमेरिका के कई कॉलेजों में फिलिस्तीन (Israel Palestine) के समर्थन में इन दिनों जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां पढ़ने वाले छात्र बीते कुछ महीनों में गाजा में हुई हत्याओं को गलत बता रहे हैं. वहीं इस मामले पर व्हाइट हाउस का बयान सामने आया है. व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) अमेरिकी कैंपसों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थक हैं, क्यों कि ज्यादातर विश्वविद्यालय में गाजा में इजरायल के एक्शन का विरोध हो रहा है.
फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन
न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर आज कल सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, फिर चाहे वह ने मीडिया हो या फिर राजनेता. पूरे अमेरिका में इसी तरह के विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता जता रहे हैं. वहीं इज़रायल समर्थक और कैपसों की सुरक्षा को लेकर चिंतित अन्य लोग यहूदी विरोधी घटनाओं की बात कह रहे हैं. उनका तर्क है कि डराने-धमकाने और नफरत फैलाने वाले भाषण को बढ़ावा मिल रहा है.
"कॉलेजों में अभिव्यक्ति की आजादी जरूरी"
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, "राष्ट्रपति का मानना है कि कॉलेज कैंपसों में स्वतंत्र भाषण, बहस और भेदभाव न होना बहुत जरूरी है. हम इस बात में विश्वास करते हैं कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से खुद की बात रखने में सक्षम हैं. लेकिन जब नफरत भरी बयानबाजी और हिंसा की बात है, तो इसे बंद करना होगा."
"यहूदी-विरोधी भावना" की निंदा
वहीं जो बाइडेन ने रविवार को "घोर यहूदी विरोधी भावना" की निंदा की, उन्होंने कहा कि कॉलेज परिसरों में इसकी कोई जगह नहीं है." इस बीच, कोलंबिया में, सदन के रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने भी "यहूदी-विरोधी भावना" की निंदा की और यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट से इस्तीफे की मांग की. जॉनसन ने कहा कि इस पर अगर जल्द काबू नहीं पाया गया और इन धमकियों को नहीं रोका गया तो नेशनल गार्ड के लिए यह उचित समय है."
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