जैश ए मोहम्मद बना रहा महिला ब्रिगेड, जम्मू-कश्मीर से UP तक फैल रहा 'जमात अल-मुमिनात' का आतंकी नेटवर्क

Jaish e Mohammed's women brigade: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स और ऑपरेशनों से हिल चुके आतंकी संगठन अब अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं. लेकिन भारत की खुफिया एजेंसियां भी हर चाल पर नजर रखे हुए हैं.

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  • जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं का एक विशेष ब्रिगेड 'जमात अल-मुमिनात' बनाया है जो 2024 के बाद से सक्रिय है
  • यह महिला ब्रिगेड मानसिक प्रभाव और ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए महिलाओं को अपने संगठन में शामिल कर रही है
  • ब्रिगेड सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप और मदरसों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत में काम कर रही
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भारत के चलाए ऑपरेशन सिंदूर में जब पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की कमर टूट गई, तो अब वही आतंकी संगठन नई चालें चल रहे हैं. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद (JeM) अब महिलाओं का एक खास ब्रिगेड बना रहा है, जिसका नाम ‘जमात अल-मुमिनात' रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक यह ग्रुप 2024 के बाद से एक्टिव है और इसका मकसद महिलाओं को ब्रेनवॉश करके उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल करना है. इस ब्रिगेड को जैश के महिला विंग के तौर पर तैयार किया गया है, जो साइकोलॉजिकल वारफेयर, यानी मानसिक तौर पर असर डालने वाले प्रोपेगेंडा और ग्राउंड लेवल पर भर्ती का काम कर रहा है.

कहां एक्टिव यह महिला ब्रिगेड, कैसे करता है काम?

‘जमात अल-मुमिनात' जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए एक्टिव है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, व्हाट्सऐप ग्रुप्स और कुछ मदरसों के नेटवर्क के जरिए इस ग्रुप की गतिविधियां फैल रही हैं. इसका मकसद महिलाओं को धर्म के नाम पर बरगलाना और संगठन के लिए उन्हें इस्तेमाल करना है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक जैश के इस नए सर्कुलर में मक्का और मदीना की तस्वीरें लगाई गई हैं ताकि इसे धार्मिक रंग दिया जा सके.

साथ ही इसमें भावनात्मक बातें लिखी गई हैं ताकि पढ़ी-लिखी और शहरी मुस्लिम महिलाओं को भी प्रभावित किया जा सके. यानी, यह पूरा अभियान महिलाओं की भावनाओं को छूकर उन्हें संगठन के मकसद से जोड़ने की कोशिश करने का है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ‘जमात अल-मुमिनात' जैश की तरह ही सेल-बेस्ड स्ट्रक्चर पर काम कर रहा है. मतलब अलग-अलग छोटे ग्रुप्स के जरिए जो सोशल मीडिया या मदरसों के जरिए भर्ती, चंदा जुटाने और संदेश फैलाने का काम कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियों ने इस सर्कुलर के पाकिस्तान कनेक्शन के भी ठोस सबूत मिलने की बात कही है.

भारत ने तोड़ी है कमर

आपको बता दें कि मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए थे. इसमें जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर भी शामिल था. इस ऑपरेशन में मसूद अजहर के भाई और परिवार के कई सदस्य मारे गए थे. अब उसी बौखलाहट में जैश भारत के खिलाफ महिलाओं को ढाल बनाकर नई साजिश रच रहा है.

साफ है, भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स और ऑपरेशनों से हिल चुके आतंकी संगठन अब अपने तौर-तरीके बदल रहे हैं. लेकिन भारत की खुफिया एजेंसियां भी हर चाल पर नजर रखे हुए हैं.

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