सहारा रेगिस्तान में अंतरिक्ष से दिखा 'अंगूठी' जैसा अजब नजारा, एलियंस का सबूत या प्रकृति का खेल?

ISS के अंतरिक्ष यात्री ने 13 सितंबर 2025 को सहारा रेगिस्तान के ऊपर से लीबिया के जबाल अर्कानू मैसिफ में यह तस्वीर खींची थी. ये संरचनाएं करीब 24 किलोमीटर इलाके में फैली हैं.

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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद एक अंतरिक्ष यात्री ने सहारा रेगिस्तान में ऐसा नजारा कैमरे में कैद किया है, जो किसी एलियन दुनिया जैसा लगता है. इसमें रेगिस्तान की पीली रेत से अंगूठी जैसी दिखने वाली विशाल चट्टानी संरचनाएं निकलती दिखाई दे रही हैं. यह तस्वीर वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. 

ISS के अंतरिक्ष यात्री ने खींची अद्भुत तस्वीर

यह तस्वीर आईएसएस के अंतरिक्ष यात्री ने 13 सितंबर 2025 को सहारा रेगिस्तान के ऊपर उड़ान भरते हुए लीबिया के जबाल अर्कानू मैसिफ में खींची थी. मैसिफ पर्वतीय या चट्टानों का ऐसा बड़ा ठोस हिस्सा होता है, जो आसपास की संरचनाओं से अलग लेकिन स्थिर बना रहता है. 

24 किमी इलाके में फैली है संरचनाएं

जबाल अर्कानू संरचनाएं इजिप्ट की सीमा के पास लीबिया के दक्षिण-पूर्वी इलाके में स्थित है और करीब 24 किलोमीटर इलाके में फैली हैं. यह देखने में अंगूठी जैसे आकार की लगती हैं. इन्हें करीब 5 करोड़ साल पुराना माना जाता है. पहले अनुमान था कि ये संरचना उल्कापिंड के टकराने से बनी होगी, लेकिन डिटेल्ड फील्डवर्क ने इस सिद्धांत को खारिज कर दिया.

ज्वालामुखी से बने रेगिस्तान में पहाड़!

नासा का कहना है कि ये संरचनाएं भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं की वजह से बनी हैं. इनका निर्माण धरती के अंदर ज्वालामुखी फटने और उसका लावा ऊपर आने से हुआ है. बार-बार मैग्मा के ऊपर उठने और आसपास की चट्टानों में घुसने से इनका निर्माण हुआ. इस प्रक्रिया के दौरान एक-दूसरे को काटते हुए रिंग जैसी श्रृंखला बनी, जिसका केंद्र मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम की ओर हैं. 

इलाके में कई दुर्लभ खनिज मौजूद

नासा का कहना है कि अंगूठी जैसी संरचना मुख्य रूप से बेसाल्ट और  ग्रेनाइट से बनी है. इसके ऊपर उत्तर में टोपी की तरह दिखने वाला स्ट्रक्चर है जो बलुआ पत्थर, चूना पत्थर और क्वार्ट्ज की परतों से घिरा हुआ है. यहां पर सेनाइट, ट्रेचाइट और फोनोलाइट जैसे दुर्लभ खनिज मौजूद हैं. 

रेगिस्तानी पहाड़ की चोटियां 1400 मीटर ऊंची 

आईएसएस पर मौजूद एक्सपीडिशन 73 क्रू के एक अंतरिक्ष यात्री ने निकोन जेड9 डिजिटिल कैमरा से 800 मिलीमीटर लेंस का इस्तेमाल करके ये तस्वीर खींची है. यह दिखाता है कि रिंग जैसी इस संरचना की 1,400 मीटर ऊंची चोटियां हैं. ये चोटियां मैदानी इलाके में 800 मीटर लंबी छाया डाल रही हैं, जिससे रेगिस्तान में नाटकीय प्रभाव पैदा हो रहा है. तस्वीर में चट्टानी मलबे के पंख (outwash fans) भी दिख रहे हैं जो रेत के टीलों की ओर बहते नजर आ रहे हैं.

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बेहद सूखा इलाके, बारिश नाममात्र की

जिस इलाके में यह अनोखा स्ट्रक्चर देखा गया है, वह बेहद सूखा हुआ क्षेत्र है. नासा और जैक्सा के ट्रॉपिकल रेनफॉल मीजरिंग मिशन (TRMM) से संकेत मिलते हैं कि यहां पर साल में बारिश का औसत महज 1 से 5 मिमी प्रति वर्ष है. हालांकि चोटियों के पास बारिश की मात्रा थोड़ी बढ़कर 5 से 10 मिमी तक हो जाती है. दो सूखी घाटी मैसिफ को काटती हैं. बेडौइन चरवाहे यहां मौजूद हरी-भरी घाटी का उपयोग मौसमी चरागाह के लिए करते हैं.

यह तस्वीर दिखाती है कि हमारी पृथ्वी अपने अंदर कई तरह के अद्भुत नजारे समेटे हुए है. अक्सर इनका पता अंतरिक्ष से देखने पर चलता है. पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों में हुई उथल-पुथल से सहारा रेगिस्तान जैसे सुदूर इलाकों में बनी भूवैज्ञानिक संरचनाएं वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं. 

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