मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच युद्ध जारी है. इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं. ईरान 60% यूरेनियम समृद्ध कर रहा है, जिसे और शुद्ध करके बम बनाना संभव है. इजरायल ने कई वैज्ञानिकों को मारने का दावा किया है.
एक बार फिर मिडिल ईस्ट जंग का मैदान बना हुआ है. इजरायल और ईरान, दोनों की तरफ से एक-दूसरे के उपर बिना रुके मिसाइलों का हमला (Israel Attacks Iran) जारी है. शुरुआत इजरायल ने ईरान पर व्यापक सैन्य हमले से किया, जिसमें ईरान की कुछ सबसे महत्वपूर्ण परमाणु सुविधाओं को भी निशाना बनाया गया है. सवाल है कि इजरायल ने जो इतना बड़ा रिस्क लिया है, उसमें उसे कितनी सफलता मिली है. यानी उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कितना नुकसान पहुंचाया है. चलिए जानने की कोशिश करते हैं.
क्या ईरान ने परमाणु बम बना लिया था?
ईरान 60% शुद्धता तक यूरेनियम का संवर्धन (इनरिच) कर रहा है. अब एक परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम को 90% तक शुद्ध करना होता है और ईरान ऐसा आसानी से कर सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) संवर्धन संयंत्रों (जहां यूरेनियम को शुद्ध किया जाता है) सहित ईरान के परमाणु स्थलों का निरीक्षण करती है. उसका कहना है कि यह "गंभीर चिंता" का विषय है क्योंकि किसी भी अन्य देश ने परमाणु हथियार बनाए बिना इस स्तर तक यूरेनियम को शुद्ध नहीं किया है. पश्चिमी देशों का भी कहना है कि इस स्तर तक यूरेनियम को इनरिच करने का कोई नागरिक औचित्य नहीं है.
हालांकि ईरान ने बार-बार और साफ-साफ दावा किया है कि वह परमाणु हथियार न बना रहा है और न उसकी ऐसी कोई इच्छा है. ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि पर साइन कर रखा है. उसका कहना है कि शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उसके पास भी परमाणु प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल करने का अधिकार है.
ईरान में कहां-कहां यूरेनियम को शुद्ध किया जा रहा और कितना नुकसान पहुंचा?
जब इजराइल ने अपने हमले शुरू किए तो ईरान में तीन ऐसे न्यूक्लियर साइट थे जहां यूरेनियम को इनरिच (शुद्ध) करने वाले प्लांट चल रहे थे:
1. नटानज़ (ईंधन संवर्धन संयंत्र)- यहां 50,0000 सेंट्रीफ्यूज रखे हुए हैं. सेंट्रीफ्यूज यूरेनियम को उच्च स्तर तक शुद्ध करने वाली मशीनें हैं और नटानज़ उन्हीं को रखने के लिए डिजाइन की गई एक विशाल अंडरग्राउंड फैसिलिटी है. सैन्य विशेषज्ञों के बीच लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या वाकई इजरायली हवाई हमले में इस न्यूक्लियर साइट को नष्ट किया जा सकता है, क्योंकि यह जमीन के अंदर कई मंजिलों के नीचे है.
कितना नुकसान पहुंचा- IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि नटानज़ में बिजली देने वाला बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया है. बैक-अप जनरेटर तक बर्बाद हो गया है. हालांकि जिस अंडरग्राउंड हॉल में सेंट्रीफ्यूज रखे हैं, वहां किसी फिजिकल डैमेज का कोई संकेत नहीं था. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि बिजली नहीं होने से वहां सेंट्रीफ्यूज क्षतिग्रस्त हो गए हों.
14 जून को नटानज़ परमाणु फैसिलिटी पर हमले के पहले और बाद की सेटेलाइट इमेज
2. नटाज़न (पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र)- सबसे छोटा और, जमीन से ऊपर होने के कारण, यह ईरान के तीन यूरेनियम संवर्धन संयंत्रों में सबसे आसान लक्ष्य है. लंबे समय तक एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर होने के कारण, इसमें अन्य संयंत्रों की तुलना में कम सेंट्रीफ्यूज का उपयोग किया जाता था, जो अक्सर कैस्केड के रूप में जानी जाने वाली मशीनों के छोटे समूहों में जुड़े होते थे. हालांकि, इसमें 164 एडवांस सेंट्रीफ्यूज के दो परस्पर जुड़े, पूर्ण आकार के कैस्केड थे, जो 60% तक यूरेनियम को समृद्ध करते थे. इसके अलावा, यहां पर केवल 201 सेंट्रीफ्यूज संचालित थे जो 2% तक समृद्ध थे.
कितना नुकसान पहुंचा- IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि इजरायली हमले में यह पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र नष्ट हो गया है.
3. फोर्डो (ईंधन संवर्धन संयंत्र)- ग्रॉसी ने सोमवार को दोहराया कि ईरान के सबसे गहरे दफन संवर्धन स्थल, जिसे पहाड़ में खोदकर बनाया गया है, देखने में उसे कोई क्षति नहीं हुई है. इसके संचालन में लगभग 2,000 सेंट्रीफ्यूज हैं. यह ईरान के 60% तक समृद्ध यूरेनियम का अधिकरतर उत्पादन यहीं होता है. फोर्डो ने पिछले तिमाही में 60% तक समृद्ध 166.6 किलोग्राम यूरेनियम का उत्पादन किया. IAEA के मानदंड के अनुसार, अगर इसे और अधिक समृद्ध किया जाए तो यह सैद्धांतिक रूप से चार परमाणु हथियारों से कम के लिए पर्याप्त है, जबकि नटाज़न (पायलट ईंधन संवर्धन संयंत्र) में केवल 19.2 किलोग्राम उत्पादन हुआ जो एक बम बनाने के लिए जरूरी यूरेनियम का आधे से भी कम है.
फोर्डो (ईंधन संवर्धन संयंत्र)-पर हमले के पहले और बाद की सेटेलाइट इमेज
इजरायल ने कितने ईरान के कितने न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे?
खाड़ी देशों में मौजूद दो सूत्रों ने कहा कि कार बमों सहित इजरायली हमलों में शुक्रवार से रविवार तक कम से कम 14 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं. इजरायल की सेना ने शनिवार को उनमें से नौ का नाम जारी करते हुए कहा कि उन्होंने "परमाणु हथियार बनाने की दिशा में एक केंद्रीय भूमिका निभाई थी" और "उनका खात्मा सामूहिक विनाश के हथियार हासिल करने की ईरानी शासन की क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण झटका दर्शाता है". उस दावे की तुरंत पुष्टि नहीं की जा सकी.
ईरान के पास यूरेनियम भंडार
IAEA मानदंड के अनुसार, 17 मई तक, अनुमान लगाया गया था कि ईरान के पास नौ परमाणु हथियार बनाने के लिए 60% तक पर्याप्त यूरेनियम समृद्ध है. निचले संवर्धन स्तर पर ईरान के पास और अधिक बमों के लिए पर्याप्त यूरेनियम है. अधिकारियों ने कहा है कि ईरान का सबसे समृद्ध यूरेनियम भंडार आईएईए की मुहर के तहत इस्फहान में जमा है. IAEA यह नहीं बताता कि इसे कहां स्टोर किया गया है, न ही यह बताया है कि क्या यह हमलों से प्रभावित था.
अधिकारियों ने कहा है कि मौजूदा सेंट्रीफ्यूज कैस्केड को एक सप्ताह के भीतर एक अलग शुद्धता स्तर तक समृद्ध करने के लिए पुन: कॉन्फ़िगर किया जा सकता है.