इज़रायल ने हमास के हमले के जवाब में ज़मीनी हमले को और तेज़ करने की कसम खाई है, लेकिन देश की सेना पर दो अन्य मोर्चों - लेबनान और सीरिया की ओर से भी हमला हो रहा है. इजरायल वर्तमान में जिन खतरों का सामना कर रहा है, उनके बारे में यहां विस्तार से जानिए.
हमास
पिछले सप्ताह हमास के अचानक हमले के बाद से लगभग 1,200 इज़रायली मारे गए हैं, जिसका जवाब उसने गाजा पर भारी गोलाबारी से दिया था. इज़रायल पर हमले हमास द्वारा किए गए थे, जो 2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा है. हमास ने इज़रायल राज्य को मान्यता देने से इनकार कर दिया है और देश के साथ कई दौर के संघर्ष में शामिल रहा है. इन संघर्षों में हमास द्वारा गाजा से इजरायल में रॉकेट हमले करना, उसके बाद इजरायली हवाई हमले और गाजा पर बमबारी शामिल है. यह समूह एक क्षेत्रीय गठबंधन का हिस्सा है जिसमें ईरान, सीरिया और लेबनान में शिया इस्लामी समूह हिजबुल्लाह शामिल हैं, जो मध्य पूर्व और इज़राइल में अमेरिकी नीति का व्यापक रूप से विरोध करते हैं.
लेबनान
हमास के हमला करने के कुछ ही दिनों बाद, लेबनान के हिजबुल्लाह ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ "एकजुटता" व्यक्त करने के लिए एक इजरायली टैंक पर एक गाइडेन मिसाइल दागी. इज़रायल ने ईरान समर्थित समूह से संबंधित एक पोस्ट पर हमला करके जवाब दिया. यह हिंसा हिज़्बुल्लाह और इज़रायल के बीच 2006 के संघर्ष के बाद से लेबनानी-इज़राइली सीमा पर सबसे गंभीर संकट को दर्शाती है. हिजबुल्लाह की स्थापना 1982 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की मदद से की गई थी. समूह ने दावा किया है कि "इज़रायल हमारे हथियारों के भंडार के आकार की कल्पना भी नहीं कर सकता है."
सीरिया
इज़रायल की सेना भी सीरिया को जवाब देने में लगी है, जिससे युद्ध में एक और मोर्चा खुलने की आशंका पैदा हो गई है. इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, "सैनिक सीरिया में लॉन्चिंग की ओर तोपखाने और मोर्टार के गोले से जवाब दे रहे हैं." 1967 के छह दिवसीय युद्ध में इजरायल द्वारा सीरिया से गोलान हाइट्स पर कब्जा करने के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है. 1981 में इस रणनीतिक क्षेत्र पर कब्जे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता नहीं दी गई है. हिंसा का मौजूदा दौर हाल ही में शुरू हुआ है, लेकिन यह दशकों में सबसे खूनखराबा साबित हो सकता है.
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