इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को 7 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन यह संघर्ष खत्म होता नहीं दिख रहा है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन (Israel Philistine) के स्थायी सदस्य बनने को लेकर 10 मई को वोटिंग हुई. इस दौरान भारत समेत 143 देशों ने इसके पक्ष में वोट किया. अमेरिका और इजरायल समेत 9 देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग की. जबकि 25 देशों की यूएन में गैरमौजूदगी रही. हालांकि समर्थन में पड़े वोटों के आधार पर फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के स्थायी सदस्य के लिए क्वालिफाइ कर लिया. इस बात से इजरायल काफी गुस्से में दिखा.
"पूरी दुनिया इस अनैतिक कृत्य को याद रखे"
इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, "इस दिन को याद रखा जाएगा. मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया इस क्षण, इस अनैतिक कृत्य को याद रखे...आज मैं आपको आईना दिखाना चाहता हूं, ताकि आपको पता चले कि वास्तव में आप संयुक्त राष्ट्र चार्टर को क्या नुकसान पहुंचा रहे हैं. यह वोटिंग विनाशकारी है. आप अपने हाथों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर की धज्जियां उड़ा रहे हैं." उन्होंने हमास का जिक्र करते हुए संयुक्त राष्ट्र को "आधुनिक नाज़ियों" के लिए खोलने का आरोप लगाया.
UN में फिलिस्तीन के समर्थन में वोटिंग से भड़का इजरायल
बता दें कि फिलिस्तीन के पास अब तक संयुक्त राष्ट्र में ऑब्जर्वर का दर्जा मिला हुआ है. अब उसके स्थायी सदस्य बनने को लेकर वोटिंग हुई है. इजरायली राजदूत ने कहा कि फिलिस्तीन को स्थायी सदस्य बनाकर आतंकियों द्वारा कंट्रोल क्षेत्र को मान्यता दे दी जएगी. उन्होंने पूछा कि क्या यूएन के सदस्य ऐसा चाहते हैं. बाद में उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "अपने भाषण के अंत में, मैंने यह बताने के लिए 'यूएन चार्टर' के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, कि असेंबली संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी आतंकवाद के प्रवेश के समर्थन में क्या कर रही है."
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