इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए इन 3 देशों ने बंद किया अपना एयरस्पेस

ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर में दो हमलों के दौरान इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी थीं. इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने ईरान पर इजरायल को निशाना बनाने और क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए मध्य पूर्व में प्रॉक्सी के जरिए 'आतंकवादी गतिविधियों को फंड करने और निर्देशित करने' का आरोप लगाया.

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इजरायल के ईरान के हमले के बाद 3 देशों ने अपने एयरस्पेस को किया बंद.

तेल अवीव:

इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार को ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया है. साथ ही तेहरान को चेतावनी दी कि अगर उसने तनाव बढ़ाने की गलती की तो जवाब दिया जाएगा. इजरायल के हमले के बाद ईरान, सीरिया और इराक ने अपने हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं. ओपन सोर्स फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट FlightRadar24 के अनुसार, इन तीनों देशों के ऊपर से कोई भी विमान उड़ान नहीं भर रहा है. हालांकि, ईरान ने अब घोषणा की है कि वह हमलों के बाद उड़ानें फिर से शुरू करेगा. इराक ने कहा कि हमलों के बाद उसने नागरिक उड्डयन की सुरक्षा को देखते हुए हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाया है. 

तीन चरणों में किए हमले

आईडीएफ के अनुसार, शनिवार सुबह इजरायली वायु सेना (आईएएफ) के सहयोग से तीन चरणों में ये हमले किए गए. यह कार्रवाई 1 अक्टूबर को तेहरान बैलिस्टिक मिसाइल अटैक का जवाब थी. इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने कहा, "आईडीएफ ने अपना मिशन पूरा कर लिया है. अगर ईरानी शासन ने नए सिरे से तनाव बढ़ाने की गलती की, तो हम जवाब देंगे." साथ ही कहा कि आईएएफ के विमान ऑपरेशन से सुरक्षित वापस आ गए हैं.

गंभीर परिणाम भुगतने होंगे: इजरायल

आईडीएफ ने कहा, "जो लोग इजरायल को धमकी देते हैं और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. आज की कार्रवाई इजरायल राज्य और उसके नागरिकों की आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह से रक्षा करने की हमारी क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है."

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आईडीएफ ने कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर वायुसेना ने ईरान में उन मैन्युफैक्चरिंग साइट्स को निशाना बनाया, जहां पिछले वर्ष इजरायल पर दागी गई मिसाइलों का निर्माण किया गया था. आईडीएफ ने कहा कि ये मिसाइलें इजरायली नागरिकों के लिए 'प्रत्यक्ष और तत्काल खतरा' हैं. इसके अलावा, इस अभियान में सतह से हवा में मार करने वाली ईरानी मिसाइलों को भी निशाना बनाया गया, जिसका उद्देश्य ईरानी एयर स्पेस में इजरायल की ऑपरेशनल फ्रीडम को सीमित करना था.

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यह हमला अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के मध्य पूर्व दौरे से लौटने के बाद हुआ. उन्होंने इजरायली अधिकारियों से संघर्ष को बढ़ाने से बचने की अपील की थी.

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