इजरायल के इंतकाम का प्‍लान तैयार, चुन लिये ईरान के ये 5 टारगेट

ईरान ने 180 से ज्‍यादा मिसाइलें इजरायल पर दागी थीं. इजरायल ने अब इंतकाम का प्‍लान बना लिया है. ईरान के 5 टारगेट भी इजरायल ने लगभग लॉक कर दिये हैं. अब सिर्फ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू को कैबिनेट की मंजूरी मिलने की जरूरत है.

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ईरान की 180 मिसाइलों का जवाब कैसे देगा इजरायल

इजरायल क्‍या ईरान पर कोई बड़ा हमला करने जा रहा है? ईरान की 180 मिसाइलों का जवाब इजरायल कैसे देगा? ये सवाल इसलिए, क्‍योंकि इजरायल आज एक बेहद महत्‍वपूर्ण सुरक्षा कैबिनेट की बैठक करने जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में ईरान पर बड़े हमले का निर्णय लिया जा सकता है. इजरायल ने इंतकाम का प्‍लान तैयार कर लिया है. हालांकि, इस बीच अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू से संयम बरतने का आग्रह किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल आज ईरान पर अपने हमले की योजना को अंतिम रूप देगा और देश की सुरक्षा कैबिनेट इस बात पर मतदान करने के लिए बुलाई जाएगी कि देश इस महीने की शुरुआत में 180 से ज्‍यादा ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले का जवाब कैसे देगा.

'घातक, सटीक और आश्चर्यजनक' होगा इजरायली हमला

ऐसा लगता है कि इजरायल को अमेरिका की ओर से ग्रीन सिग्‍नल मिल गया है. दरअसल, सुरक्षा कैबिनेट की बैठक करने का निर्णय ईरान के साथ तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बुधवार को फोन पर हुए लंबी बातचीत करने के बाद आया है. इजरायली रक्षामंत्री योव गैलेंट ने वादा किया था कि ईरान के खिलाफ इजरायली हमला 'घातक, सटीक और आश्चर्यजनक' होगा. 30 मिनट की कॉल अगस्त के बाद से राष्‍ट्रपति बाइडेन और नेतन्याहू के बीच पहली चर्चा में आई बातचीत है. जानकारों का मानना है कि जल्‍द इजरायल के हमले हमास और हिजबुल्‍लाह पर बढ़ सकते हैं. 

इजरायल ऐसे कर सकता है ईरान पर पलटवार

ईरान के सैन्य ठिकाने होंगे टारगेट
इजरायल और ईरान के संघर्ष पर नजर रखने वाले जानकारों का अनुमान है कि इजरायल, ईरान के सैन्‍य ठिकानों को निशाना बना सकता है. इनमें वह सबसे पहले ईरानी एयर डिफेंस सिस्‍टम और मिसाइल लॉन्चिंग बेस को टारगेट कर सकता है. इससे ईरानी सेना के हौसले टूट सकते हैं, और उन्‍हें पलटवार करने में मुश्किल आएगी. 

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ईरान के न्‍यूक्लियर साइट्स भी होंगे निशाने पर
अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था कि सबसे पहले ईरान के न्‍यूक्लियर साइट्स को बर्बाद कर देना चाहिए. जानकारों की मानें तो न्‍यूक्लियर साइट्स भी इजरायली सेना के प्राइम टारगेट होंगे. हालांकि, ईरान की ज्‍यादातर न्‍यूक्लियर साइट्स जमीन के नीचे हैं. इन्‍हें तबाह करना अमेरिका की मदद के बिना काफी मुश्किल होगा. लेकिन अमेरिका ऐसे किसी हमला का समर्थन करने से मना कर चुका है.

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ऑयल रिफाइनरी पर अटैक से अर्थव्‍यवस्‍था पर चोट   
इजरायल अगर ईरान की ऑयल रिफाइनरी पर हमला करता है, तो इससे अर्थव्‍यवस्‍था पर बड़ी चोट लगेगी. इससे ईरान काफी भड़क जाएगा. इससे तेल की कीमतों में तेजी से इजाफा होगा. बता दें कि ईरान, दुनियाभर में सप्‍लाई होने वाले तेल का 3 प्रतिशत प्रोड्यूस करता है. ऐसे में इजरायल के हमले का पूरे विश्‍व पर प्रभाव पड़ सकता है.  

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साइबर अटैक भी है ऑप्‍शन  
हाल ही में हिजबुल्‍लाह के सदस्‍यों पर पैजर अटैक हुआ, जिससे ये आतंकी संगठन ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया सहम गई थी. पैजर में फिट किये गए बम फट रहे थे... और लोग सड़कों पर मर रहे थे. ऐसा आरोप है कि हिजबुल्‍लाह पर ये पैजर अटैक इजरायल की सीक्रेट यूनिट 8200 ने अंजाम दिया था. इसके बाद कई वॉकी-टॉकी भी ब्‍लास्‍ट हुए थे. इजरायल इस बार भी कुछ ऐसे ही हमले को अंजाम दे सकता है, जिससे ईरान हिल जाए. 

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लॉन्‍ग डिस्‍टेंस अटैक
इजरायल अपनी लंबी दूरी तय करने वाली मिसाइलों से भी ईरान पर हमला कर सकता है. इजरायल अपने फाइटर प्‍लेन से काफी ऊंचाई से भी मिसाइल दाग सकता है. हालांकि, ऐसा करने के लिए फाइटर प्‍लेन को ईरान के ऊपर से उड़ना होगा, जिसमें काफी रिस्‍क होगा.   

बता दें कि इजरायली कानून के तहत, प्रधानमंत्री को किसी भी बड़ी सैन्य कार्रवाई के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेनी होती है, विशेष रूप से ऐसी कार्रवाई जो ईरान के साथ युद्ध में बदल सकती है. इजरायल के रक्षामंत्री ने यह भी संकेत दिया कि जवाबी कार्रवाई पर्याप्त होगी, जिसमें ईरान में सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और सीक्रेट ऑपरेशन का मिक्‍स्‍चर शामिल होगा, जैसा कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनीयेह की मौत के बाद हुआ था.

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