इजरायल और गाजा के बीच जारी युद्ध (Israel Gaza War) के बीच इजरायल बार-बार ये दावा करता रहा है कि गाजा के अस्पतालों का इस्तेमाल हमास अपनी सैन्य गतिविधियों को संचालित करने के लिए कर रहा है. अब यह बात गाजा अस्पताल के गिरफ्तार निदेशक ने भी स्वीकार की है. कमाल अदवान अस्पताल के निदेशक अहमद कहलोत ने इस बात को स्वीकार किया है कि हमास ने अपने नियंत्रण वाले अस्पतालों को सैन्य सुविधाओं में बदल दिया है.
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अस्पतालों में चल रहा हास का सैन्य अभियान
इज़रायल सुरक्षा एजेंसी (आईएसए) की पूछताछ के दौरान, अहमद कहलोत ने खुलासा किया कि कैसे हमास सैन्य उद्देश्यों के लिए अस्पतालों का इस्तेमाल कर रहा है. अस्पताल के भीतर हमास अपने आतंकियों को छिपा रहा है और सैन्य गतिविधियां संचालित कर रहा है और हमास के सदस्यों को स्थानांतरित कर रहा है. इज़रायल के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, अहमद कहलोत ने बताया कि आतंकी गुट हमास एक पकड़े गए सैनिक को भी अस्पताल ले गया.
इज़रायल रक्षा बलों (IDF) और आईएसए ने 12 दिसंबर को कमल अदवान अस्पताल में कहलोत को पकड़ा. कहलोत ने बताया कि वह 2010 से हमास का हिस्सा है. उसने बताया कि साल 2010 में उसे ब्रिगेडियर जनरल के पद के साथ हमास में भर्ती किया गया था. अस्पताल में ऐसे कर्मचारी हैं, जो इज़ एड-दीन अल-क़सम ब्रिगेड के सैन्य संचालक हैं, जिनमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, क्लर्क और स्टाफ सदस्य शामिल हैं.
"अस्पताल सुरक्षित जगह, इसीलिए छिप रहे आतंकी"
इजरायल के विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक कहलोत ने बताया कि अस्पताल एक सुरक्षित जगह होने की वजह से हमास के सदस्य अस्पतालों में छिपते हैं. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने खुलासा किया कि अस्पताल में डॉक्टर, नर्स, क्लर्क, पैरामेडिक सहित 16 कर्मचारी आतंकवादी संगठन की सैन्य शाखा अल-कसम में विभिन्न पदों पर हैं. कहलोत ने कहा, "वे अस्पतालों में छिपते हैं क्योंकि उनके लिए अस्पताल एक सुरक्षित जगह है. जब वे अस्पताल के अंदर होंगे तो उन्हें निशाना नहीं बनाया जाएगा."
कहलोत ने आगे कहा, "मैं अस्पताल में 16 कर्मचारियों को जानता हूं - डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक, या क्लर्क... जिनके पास अल-क़सम में अलग-अलग पद भी हैं. उसने खुलासा किया कि बंधक बनाए गए सिपाही को भी अस्पताल में रखा गया. उसने बताया कि अस्पताल में कार्यालय के भीतर हमास नेता और दो वरिष्ठ अधिकारी थे. वहां बंधक बनाए गए सैनिक को भी रखा गया. अस्पताल के भीतर एक सुरक्षित जगह है, जहां पर हमास के गुर्गों के पास निजी टेलीफोन मौजूद हैं.
हमास के पास निजी एंबुलेंस
अहमद कहलोत ने कहा कि हमास के पास एक निजी एम्बुलेंस है. हमास ने बंधक सैनिकों को लाने और शवों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया। इजराइल के विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने खुलासा किया कि हमास ने घायलों को शिफा अस्पताल पहुंचाने में मदद नहीं की. आईएसए पूछताछ के दौरान, अहमद कहलोत ने कहा कि हमास के पास एक निजी एम्बुलेंस है, यहां तक कि इसका रंग और इसे चित्रित करने का तरीका भी अलग है. इसमें लाइसेंस प्लेट नहीं है. हमास ने इसका इस्तेमाल बंधक बनाए गए सौनिकों को ले जाने के लिए किया. हालांकि इस एंबुलेंस ने घायलों को ले जाने में मदद नहीं की. कहलोत ने कहा कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बजाय उनका मिशन ज्यादा जरूरी था. उन्होंने हमास के नेताओं को "कायर" बताया.
रविवार को, इज़रायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक विशाल सुरंग सिस्टम की खोज की. आईडीएफ का दावा है कि यह हमास का सबसे बड़ा टनल सिस्टम है. इसके निर्माण का नेतृत्व हमास नेता याह्या सिनवार के भाई मोहम्मद सिनवार ने किया था. आईडीएफ ने कहा, यह ध्यान देने योग्य है कि सुरंग की लंबाई चार किलोमीटर (2.5 मील) से अधिक है, और यह इरेज़ क्रॉसिंग से केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है. एक्स पर एक पोस्ट में, आईडीएफ ने यह भी कहा कि गाजावासी इजरायली अस्पतालों में काम और चिकित्सा उपचार के लिए इजरायल में प्रवेश करने के लिए दैनिक आधार पर विशाल सुरंग का उपयोग करते थे.
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