इजरायल ने लीबिया में ड्रोन से मार गिराया ईरान का 'योद्धा', जानिए कितना बड़ा झटका

कमांडर अल-जवाहिरी एक बहुत ही प्रोफेशनल इंटेलिजेंस एजेंट थे, जिनके पास आम एलीट कुद्स फोर्स के टेरर एजेंटों से भी ज्यादा कई असाधारण क्षमताएं थीं.

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  • इजरायली सेना ने लेबनान में ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर को मार गिराने का दावा किया
  • ड्रोन हमले में दो लोग मारे गए, जिनमें हुसैन महमूद मर्शाद अल-जौहरी को निशाना बनाया गया
  • अल-जौहरी कुद्स फोर्स की ऑपरेशंस यूनिट के प्रमुख थे, जो इजरायल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है
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इजरायली सेना ने दावा किया है कि लेबनान में किए गए एक ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर मारे गए. ये ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. इसी साल इजरायली एयर स्ट्राइक में ईरान के तीन टॉप कमांडर्स मारे गए थे. द टाइम्स ऑफ इजरायल ने आईडीएफ और शिन बेट के हवाले से बताया, "गुरुवार सुबह उत्तर-पूर्वी लेबनान में ईरान के कुद्स फोर्स की ऑपरेशंस यूनिट के एक टॉप कमांडर को ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया."

दो लोग मारे गए

लेबनान की सरकारी न्यूज एजेंसी ने भी दावा किया कि सीरियाई सीमा की ओर जाने वाली सड़क पर एक गाड़ी को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में दो लोग मारे गए. इजरायली बयान में कहा गया है कि उनका टारगेट हुसैन महमूद मर्शाद अल-जौहरी थे, जो कथित तौर पर हाल के वर्षों में "सीरिया-लेबनान क्षेत्र में इजरायल के खिलाफ आतंकवादी साजिशों को आगे बढ़ाने में शामिल थे."

ड्रोन फुटेज भी जारी

बयान में कहा गया है कि ऑपरेशंस यूनिट, जिसे यूनिट 840 के नाम से भी जाना जाता है, "वह यूनिट है जो इजरायल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को निर्देशित करती है और उसके लिए जिम्मेदार है." सेना ने हमले का ड्रोन फुटेज भी जारी किया है. यरुशलम पोस्ट के मुताबिक मारे गए कमांडर अल-जवाहिरी एक बहुत ही प्रोफेशनल इंटेलिजेंस एजेंट थे, जिनके पास आम एलीट कुद्स फोर्स के टेरर एजेंटों से भी ज्यादा कई असाधारण क्षमताएं थीं.

अब तक इनको मारा

बता दें, ईरान के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है. ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कोर (आईआरजीसी) के कमांडर हुसैन सलामी की 13 जून को इजरायली हमले में मौत हो गई थी. 65 साल के सलामी को इजरायल और अमेरिका समेत ईरान के विरोधियों के खिलाफ सबसे हार्ड लाइन अपनाने के लिए जाना जाता था. मई 2025 में ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर किसी देश ने हमले की ज़ुर्रत की तो उनके लिए तेहरान 'नरक के दरवाजे' खोल देगा. 13 जून से 23 जून तक चले इस संघर्ष में इजरायल-यूएस ने मिलकर ईरान पर हमला किया था, जिसमें सलामी के अलावा ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी और ईरान के सशस्त्र बलों के उप कमांडर-इन-चीफ जनरल गुलाम अली राशिद की मौत हो गई थी.

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