इजरायल समझौते के लिए तैयार, सरेंडर करने के लिए नहीं; नहीं होगा संघर्ष विराम : नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा- जीत से एक कदम दूर, गाजा से सभी इजरायली बंधकों की रिहाई के बिना कोई युद्धविराम नहीं होगा

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बेंजामिन नेतन्याहू ने आरोप लगाया है कि इजरायल पर कई हमलों के पीछे ईरान का हाथ है.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि इजरायल गाजा से युद्ध में "जीत से एक कदम दूर" है. हमने कसम खाई है कि जब तक हमास सभी बंधकों को मुक्त नहीं कर देता तब तक कोई संघर्ष विराम नहीं होगा. नेतन्याहू हमास के आतंकवादियों की ओर से इजरायल पर किए गए अभूतपूर्व हमले के बाद पिछले साल सात अक्टूबर को शुरू हुए युद्ध के छह महीने पूरे होने पर हुई एक कैबिनेट बैठक को संबोधित कर रहे थे.

नेतन्याहू ने कहा,''हम जीत से एक कदम दूर हैं. लेकिन हमने जो कीमत चुकाई है वह दर्दनाक और हृदय विदारक है."

इजरायल और गाजा के बीच संघर्ष विराम की पहल के तहत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के साथ काहिरा में फिर से बातचीत शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. इसी बीच नेतन्याहू ने कहा, "बंधकों की वापसी के बिना कोई युद्धविराम नहीं होगा. ऐसा नहीं हो सकता."

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उन्होंने जोर देकर कहा कि "इजरायल समझौते के लिए तैयार है, इजरायल आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं है".

उन्होंने कहा कि, "इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव डाले जाने से हमास अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव हमास के खिलाफ बनाना चाहिए. इससे बंधकों की रिहाई का काम आगे बढ़ सकेगा."

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एक अप्रैल को गाजा पर किए गए हवाई हमले में अमेरिका के फूड चैरिटी वर्ल्ड सेंट्रल किचिन के सात सहायता कर्मियों की मौत हो गई. इस पर इजरायल को अंतरराष्ट्रीय आक्रोश का सामना करना पड़ा है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत में "तत्काल युद्धविराम" की मांग की. उन्होंने नागरिकों की हत्या को कम करने और मानवीय स्थितियों में सुधार के लिए इजरायल को सशर्त अमेरिकी समर्थन का संकेत दिया.

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इस बीच नेतन्याहू ने ईरान पर पर आरोप लगाया कि वह "अपने प्रतिनिधियों के जरिए" इजरायल के खिलाफ कई हमलों के लिए जिम्मेदार है.

नेतन्याहू ने कहा, "जो कोई हमें चोट पहुंचाता है या हमें चोट पहुंचाने का प्लान बनाता है, हम उसे चोट पहुंचाएंगे. हमने यही सिद्धांत हर समय और हाल के दिनों में अपनाया है."

दमिश्क में ईरान के दूतावास के कांसुलर एनेक्सी पर हवाई हमले में सात रिवोल्यूशनरी गार्डों की मौत हो गई. ईरान ने इस पर जवाबी कार्रवाई करने का प्रण लिया है. इसके बाद गाजा में युद्ध फैलने की आशंका बढ़ गई है.

ईरान के नेताओं ने जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया है और लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आंदोलन के नेता हसन नसरल्लाह ने वाणिज्य दूतावास पर हमले को एक "टर्निंग पॉइंट" कहा है.

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