ग़ाज़ा में राहत सामग्री का इंतज़ार कर रहे लोगों पर बरसाई गईं गोलियां, 112 लोगों की मौत, इजरायल ने किया इनकार

गाजा पट्टी में दुखद घटनाएं तब घटित हुईं, जब सहायता ट्रकों का एक समूह शुक्रवार तड़के पश्चिमी गाजा शहर के शेख अजलीन में हारून अल रशीद स्ट्रीट पर पहुचा.

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दुर्घटना के दौरान 104 लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए...
गाजा सिटी:

ग़ाज़ा में राहत सामग्री का इंतज़ार कर रहे लोगों पर इज़रायल ने गोलियां बरसाई हैं, जिसमें 112 लोगों की मौत हो गई है. इस गोलीबारी का आरोप फ़िलीस्तीन ने इज़रायली सेना पर लगाया है. इस हमले में 750 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. फ़िलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. फ़िलिस्तीनी प्रशासन ने इस घटना को बर्बर नरसंहार बताया है. फ़िलिस्तीन की ओर से एक बयान में कहा गया है कि इस हमले के लिए पूरी तरह इज़रायल ज़िम्मेदार है. और उसे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के सामने दोषी ठहराया जाएगा. वहीं, इज़रायली सेना ने इस मामले में सफ़ाई देते हुए कहा है कि राहत सामग्री से भरे ट्रकों से कुचलकर लोगों की मौत हुई है. कल की इस घटना के बाद इज़रायल के क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में दो इज़रायलियों पर हमला किया गया, जिसमें उनकी मौत हो गई. इज़रायली सेना ने बताया कि हमला करने वालों को भी मार दिया गया है.

...और भूखे फिलिस्तीनी नागरिकों में फैल गई दहशत

इजरायल और हमास के बीच जारी जंग (Israel Hamas War) के दौरान गाजा पट्टी पर हालात बेहद मुश्किल हो गए हैं. लोगों के पास खाने को कुछ नहीं हैं... रहने के लिए घर नहीं हैं. इस बीच इजरायली सेना (Israel Army) लगतार हमला कर रही है. इस बीच सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस्तीनी अधिकारियों के बताया कि उत्तरी गाजा में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसमें कम से कम 112 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए. ये हादसा तब हुआ, जब इजरायली सैनिकों ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिससे भूखे फिलिस्तीनी नागरिकों में दहशत फैल गई, जो खाना लेकर आए ट्रकों के आसपास इकट्ठा हो गए थे.

यूएन ने की घटना की निंदा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा में खाद्य सहायता स्थल पर हुई विनाशकारी घटना की कड़ी निंदा की है, जहां गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 100 से अधिक लोगों की जान चली गई. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "गाजा में हताश नागरिकों को तत्काल मदद की जरूरत है, जिसमें उत्तरी गाजा के लोग भी शामिल हैं, जहां संयुक्त राष्ट्र एक सप्ताह से अधिक समय में सहायता नहीं पहुंचा सका है." हालांकि संयुक्त राष्ट्र घटना के दौरान मौजूद नहीं था, लेकिन उसने दुखद घटनाओं की गहन जांच की मांग की है.

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ट्रक से कुचले कई लोग

कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भोजन के लिए बेताब लोग, पश्चिमी गाजा शहर में नए आए सहायता ट्रकों के पास इकट्ठा हो गए. सीएनएन ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान का हवाला देते हुए बताया कि जैसे ही इजरायली बलों ने गोलीबारी शुरू की, अराजकता फैल गई. कई पीड़ितों ने ट्रकों से कुचलकर अपनी जान गंवा दी. गाजा में हमास-नियंत्रित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मृतकों की सूचना देते हुए कहा कि दुर्घटना के दौरान 104 लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए. सीएनएन उपलब्ध कराए गए आंकड़ों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने में असमर्थ था. 

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इजरायली सेना का पक्ष

इजरायली सेना ने इस घटना को एक अलग ही रूप में पेश किया है. गुरुवार को एक ब्रीफिंग के दौरान इजरायली सैन्य प्रवक्ता ने रिपोर्ट की गई मौत के बारे में अनिश्चितता व्यक्त की और परिस्थितियों का एक वैकल्पिक विवरण दिया. प्रवक्ता ने कहा कि वे मरने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं कर सकते और सहायता ट्रकों से जुड़ी दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में बताया. इजरायली प्रवक्ता के अनुसार, पहली घटना में ट्रक उत्तर की ओर गए और भीड़ ने उन्‍हें घिर लिया और इस दौरान कुछ लोग कुचल गए. इसके बाद, प्रवक्ता ने दावा किया कि फिलिस्तीनियों के एक समूह ने इजरायली बलों से संपर्क किया, जिन्होंने कथित तौर पर उन पर गोलियां चला दीं. 

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"लोगों पर नहीं किया सेना ने हमला"

फिलिस्तीनी द्वारा दी गई सूचना के विपरीत, इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता, डैनियल हरगारी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सहायता काफिले पर कोई हमला नहीं हुआ था. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हरगारी ने जोर देकर कहा, "मैं इसे दोहराना चाहता हूं. सहायता काफिले की ओर कोई आईडीएफ हमला नहीं किया गया था. इसके विपरीत, आईडीएफ वहां मानवीय अभियान चला रहा था."

बताया जा रहा है कि दुखद घटनाएं तब घटित हुईं, जब सहायता ट्रकों का एक समूह शुक्रवार तड़के पश्चिमी गाजा शहर के शेख अजलीन में हारून अल रशीद स्ट्रीट पर पहुचा. घटनास्थल पर प्रत्यक्षदर्शी स्थानीय पत्रकार खदीर अल ज़ानौन ने बताया कि भोजन लेने के लिए बड़ी संख्‍या में लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अराजकता और भ्रम की स्थिति तब पैदा हुई, जब इजरायली बलों ने गोलीबारी की और इसके बाद लोग ट्रक की चपेट में आ गए. 

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