Israel-Gaza War: इजरायली सुरक्षा बलों ने फिलिस्तीनी समूह हमास के खिलाफ जारी युद्ध में कल गाजा में अपने जमीनी कार्रवाई के दौरान हमास को कई आतंकियों को मार गिराया और उनके अंडरग्राउंड टनल को निशाना बनाया. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार ने गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन को और तेज कर दिया है और किसी भी तरह युद्धविराम से इनकार किया है. यह युद्ध 7 अक्टूबर को हमास के आतंकवादी हमले (Hamas Attacks) के बाद शुरू हुआ था जिसमें इज़रायल में 1,400 लोग मारे गए थे.
इजरायली सेना ने लगभग 300 टारगेट पर किया हमला
इजरायल रक्षा बलों को एक्स (पूर्व में ट्विटर पर) पर एक पोस्ट शेयर किया और लिखा, "पिछले दिन ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान हमास के कई आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है, इजरायली वायुसेना ने आतंकवादी ठिकानों और बुनियादी ढांचे पर हमला किया, आईडीएफ लड़ाकू बलों ने लगभग 300 टारगेट पर हमला किया, जिसमें एंटी-टैंक मिसाइल पोस्ट, रॉकेट लॉन्च पोस्ट, अंडरग्राउंड टनल के अंदर आतंकवादी परिसर शामिल थे. "
गाजा शहर के बाहरी इलाके में आगे बढ़ते दिखे इजरायली टैंक: रिपोर्ट
इस बीच रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली टैंकों को कल गाजा शहर के बाहरी इलाके में आगे बढ़ते देखा गया. एएफपी ने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा कि टैंक गाजा शहर के दक्षिणी किनारे पर ज़ायतुन जिले में घुस गए. वहीं, पीएम नेतन्याहू ने कल कहा कि युद्धविराम नहीं होगा क्योंकि इसका मतलब हमास के सामने आत्मसमर्पण करना होग. अमेरिका, जो एक सहयोगी है, ने भी युद्धविराम पर आपत्ति जताई थी.
हमास ने कम से कम 230 बंधकों को बंधक बनाया
7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे और उनके गुर्गों ने इजराइल के बॉर्ड में घुसकर सरेआम लोगों पर गोलियां चलाई और जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान हमास के आतंकियों ने आम नागरिकों की हत्या की और सैकड़ों से अधिक को बंधक बना लिया. इसके जवाब में इजरायली सेना अब गाजा पट्टी में हमास को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. हमास ने कम से कम 230 बंधकों को अभी भी गाजा पट्टी में बंदी बनाकर रखा गया है - जो हमास के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्रा है क्योंकि उनमें से कई विदेशी नागरिक हैं.
हमास ने बंधकों को रिहा करने के लिए रखा ये शर्त
हमास ने पहले दो अमेरिकी नागरिकों सहित चार बंधकों को रिहा कर दिया था और कहा था कि बंधकों को रिहा करने के लिए युद्धविराम आवश्यक है. इसके साथ ही हमास की तरफ से एक कैदी अदला-बदली समझौते का आह्वान किया गहया था जिसमें गाजा में बंद सभी बंधकों के बदले में इजरायली जेलों से बंद सभी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग की गई थी.