मिडिल ईस्ट के देश लेबनान और इजरायल 18 साल बाद एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. लेबनान के संगठन हिज्बुल्लाह के लगातार हमलों के जवाब में अब इजरायल ने हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. सोमवार को इजरायल एयर डिफेंस फोर्स यानी IDF ने लेबनान में हिज्बुल्लाह के करीब 1600 ठिकानों पर बमबारी की. मंगलवार को भी इजरायल की तरफ से दर्जनों मिसाइलों और रॉकेट दागे गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने दावा किया है कि उसने बेरूत पर हमले में हिज्बुल्लाह की मिसाइल और रॉकेट इकाई के एक शीर्ष कमांडर को मार गिराया.
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद के मुताबिक, एयर स्ट्राइक में अब तक 558 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में 50 बच्चे और 94 महिलाएं शामिल हैं. मारे गए ज्यादातर लोग हमले के दौरान अपने घरों में निहत्थे थे. इजरायल के हमलों में घायलों की संख्या भी 2 हजार के करीब पहुंच चुकी है. न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 1835 लोग जख्मी हुए हैं. इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों के लिए मैसेज भेजा है. नेतन्याहू ने कहा, "इजरायल की लड़ाई लेबनान में हिज्बुल्लाह से है. लिहाजा लोग इस जंग के बीच में न आएं."
नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों से क्या कहा?
ताजा हमलों के बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के नागरिकों के लिए मैसेज भेजा. उन्होंने कहा, "इजरायल की जंग लोगों से नहीं, बल्कि हिज्बुल्लाह से है. हिज्बुल्लाह लेबनान के लोगों को ढाल बना रहा है. हिज्बुल्लाह ने हमारे घरों पर रॉकेट दागे. हमने हमारे लोगों को बचाने के लिए ये हमले किए हैं. लेबनान के नागरिक अपनी जान जोखिम में न डालें. इस जंग के बीच में न आएं. हमारा ऑपरेशन खत्म होने के बाद आप अपने घरों में लौट सकते हैं."
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इजरायल ने ऑपरेशन को नाम दिया 'नॉर्दर्न एरोज'
इजरायल ने लेबनान में चलाए जा रहे अपने ऑपरेशन को 'नॉर्दर्न एरोज' नाम दिया है. इजरायल की आर्मी IDF का दावा है कि हिज्बुल्लाह दक्षिणी लेबनान में घरों में मिसाइलें छुपाकर रखता है, जिनका इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ किया जा रहा है.
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हिज्बुल्लाह ने भी की जवाबी कार्रवाई
ताजा एयर स्ट्राइक के बाद हिज्बुल्लाह ने मंगलवार को कहा कि उसके 180 प्रोजेक्टाइल और एक अनमैन्ड एरियल व्हीकल ने इजरायली एयरस्पेस में घुसकर इजरायली आर्मी बेस को निशाना बनाया है. इससे हाइफा शहर में लोगों को जान बचाने के लिए सुरक्षित जगह भागने को मजबूर होना पड़ा. वहीं, इजरायली सेना ने भी लेबनान की तरफ से हुए हमलों की पुष्टि की है. इजरायली आर्मी ने कहा कि मंगलवार सुबह 10 मिनट से भी कम समय में उत्तरी इजरायल में 50 से ज्यादा गोले दागे गए. हालांकि, इजरायल की सेना ने ज्यादातर गोलों को रोक दिया.
इजरायल ने पहले भेजा मैसेज फिर किए हमले
लेबनान के ऑफिशियल मीडिया के मुताबिक, एयर स्ट्राइक से पहले इजरायल ने लेबनान के लोगों के मोबाइल नंबर पर अलर्ट भेजा था. लोगों को जगह खाली करने को कहा गया था. इसके कुछ देर बाद ही हवाई हमले किए गए. इजरायल की तरह से मैसेज दिया गया, "हम लेबनान के नागरिकों को सलाह देते हैं कि वे अपनी हिफाजत के लिए खतरे वाले इलाके से तुरंत दूर चले जाएं. इजरायली सेना हिज्बुल्लाह के खिलाफ घातक हमले करने जा रही है."
लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी (NNA) ने कहा, "बेरुत और अन्य इलाकों में लोगों को लैंडलाइन टेलीफोन पर वॉर्निंग कॉल आई थी. ये एक रिकॉर्डेड मैसेज था, जो इजरायल की तरफ से भेजा गया था. दुश्मन देश ने एक तरह से साइकोलॉजिकल वॉर शुरू कर दी है.
ईरान बोला- ये इजरायल का पागलपन
इस बीच लेबनान पर हुए हवाई हमले को ईरान ने इजरायल का ‘पागलपन' करार दिया है. ईरान ने इसके साथ ही कहा कि इन हमलों के लिए इजरायल को सजा मिलेगी. फिलीस्तीनी संगठन हमास ने भी लेबनान पर इजरायली हमले की निंदा की है. हमास ने कहा कि ये एक वॉर क्राइम है.
ईरान ने अपनी सेना को कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करने से रोका
लेबनान में इजरायल के एयर स्ट्राइक के बीच ईरान ने अपनी सेना रिवोल्यशूनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सदस्यों को किसी भी तरह के कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल न करने को कहा है. न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, IRGC अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच भी कर रही है, ताकि किसी हमले से बचा जा सके.
रिपोर्ट के मुताबिक, दो ईरानी अधिकारियों ने कहा कि IRGS जिन डिवाइसेस का इस्तेमाल करती है, उसमें से ज्यादातर ईरान में ही बनाए गए हैं. कुछ डिवाइस रूस और चीन से इंपोर्ट किए गए हैं. लेबनान में करीब 3000 पेजर ब्लास्ट के बाद ईरान भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है.
संयुक्त राष्ट्र संघ के चीफ गुटेरेस ने की हमलों की निंदा
संयुक्त राष्ट्र संघ के चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने लेबनान पर हुए हमलों की निंदा की है. गुटेरेस ने कहा है कि वे नहीं चाहते कि लेबनान दूसरा गाजा बन जाए. वहीं, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता मैथ्यू साल्टमार्श ने कहा, "सोमवार और मंगलवार में हमलों के बाद हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नागरिकों पर होने वाली क्षति अस्वीकार्य है."
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