तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से हालात चिंताजनक बने हुए हैं. गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर हुए बम धमाकों से पूरा शहर दहल उठा. इस हमले में 85 लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं. इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट-खुरासान (IS-K) का हाथ होने की बात सामने आई है. इस बीच, अफगानिस्तान के स्वघोषित कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क का इस्लामिक स्टेट-खुरासान के साथ लिंक होने का खुलासा किया है.
सालेह ने तालिबान द्वारा आईएसआईएस के साथ अपने संबंधों पर इनकार करने को लेकर भी निशाना साधा है. सालेह ने कहा कि यह बिल्कुल उसी तरह है जैसे पाकिस्तान क्वेटा शूरा से अपने संबंधों को लेकर इनकार करता है.
खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट में कहा, "हमारे हाथ जो सबूत हैं, वो ये बताते हैं कि इस्लामिक स्टेट- खुरासान की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं, जो कि काबुल में खासकर सक्रिय हैं. तालिबान का आईएसआईएस से संबंध होने की बात खारिज करना ठीक उसी तरह है जैसा पाकिस्तान का क्वेटा सूरा से इनकार करना. तालिबान ने अपने मास्टर से बहुत अच्छा सीखा."
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