गाजा पर इजरायल के हमले में 200 से ज्यादा लोगों को मौत, सीजफायर के बाद का सबसे बड़ा हमला 

इजरायल के पीएम ने भी इस हमले को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट किया है. इस पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस हमले का आदेश हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने से इनकार के बाद किया है.

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इजरायल ने गाजा पर किया बड़ा हमला

गाजा पर इजरायल के हमले में 200 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की समयसीमा खत्म होने के बाद ये सबसे बड़ा हमला है. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि रमजान के महीने में हुए हवाई हमलों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग मारे गए हैं जबकि करीब 150 अन्य घायल हुए हैं. उत्तरी गाजा, गाजा शहर और मध्य और दक्षिणी गाजा पट्टी में डेर अल-बलाह, खान यूनिस और राफा सहित कई स्थानों पर विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं. 

IDF ने किया पोस्ट

इजराइल रक्षा बल (IDF) ने आज सुबह एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह राजनीतिक स्तर के अनुसार गाजा पट्टी में आतंकवादी संगठन हमास से संबंधित आतंकी ठिकानों पर व्यापक हमले कर रहा है.इज़राइल ने गाजा के पड़ोसी क्षेत्रों के सभी स्कूलों को भी बंद करने का आदेश दिया है. 

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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बाद में कहा कि हमलों का आदेश हमास द्वारा हमारे बंधकों को रिहा करने से बार-बार इनकार करने, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत स्टीव विटकॉफ और मध्यस्थों से प्राप्त सभी प्रस्तावों को अस्वीकार करने के बाद दिया गया. 

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इजरायल के पीएम ने किया पोस्ट

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एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा गया है कि आईडीएफ इस समय गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी संगठन के ठिकानों पर हमला कर रहा है ताकि युद्ध के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके, जैसा कि राजनीतिक स्तर पर निर्धारित किया गया है, जिसमें हमारे सभी बंधकों, जीवित और मृत लोगों की रिहाई शामिल है. 

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आपको बता दें कि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि इज़रायल सीज़फ़ायर के दूसरे चरण में जाने की बजाय पहले चरण के एक्सटेंशन पर अड़ा है. वो इसलिए क्योंकि दूसरे चरण के सीज़फ़ायर में इज़रायल डिफेंस फोर्स को ग़ाज़ा से पूरी तरह से निकलना होगा, लेकिन इज़रायल ऐसा नहीं चाहता. वे ऐसा क्यों नहीं चाहता इस बाबत जब हमने इज़रायल के एक उच्च पदस्थ सूत्र से बात की तो उन्होंने सीधे शब्दों में जवाब दिया था कि जब तक हमास ग़ाज़ा नहीं छोड़ता, इज़रायल की सेना पूरी तरह से ग़ाज़ा नहीं छोड़ सकती. अगर इज़रायल दूसरे फ़ेज के सीज़फ़ायर में जाता है तो जनवरी में तय फ्रेमवर्क के मुताबिक़ IDF को पूरी तरह से ग़ाज़ा छोड़ना होगा और IDF ऐसा करती है तो इस बात का पूरा ख़तरा है कि हमास अपने आपको फिर से संगठित कर लेगा और इज़रायल पर फिर हमले करेगा.

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