अमेरिका में कमला हैरिस (Kamala Harris) की लोकप्रियता डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके समर्थकों को डराने लगी है. कमला हैरिस के नामांकन पर हालांकि आखिरी और आधिकारिक मुहर अगस्त के तीसरे महीने में शिकागो में होने वाले डेमोक्रेटिक कन्वेंशन में लगेगी, लेकिन उन्हें डेलिगेट्स का जरूरी समर्थन मिल चुका है. ट्रंप के साथ बाइडेन जिस रेस को हारते हुए लग रहे थे, कमला हैरिस के आ जाने से डेमोक्रेट्स एक बार फिर रेस में आ गए हैं. इस शनिवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल के पोल में ट्रंप और कमला हैरिस के बीच जो फासला है वो बस दो फीसदी का रह गया है. ट्रंप को 49 फीसदी वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं और कमला हैरिस को 47 फीसदी वोट, जबकि ट्रंप और बाइडेन के बीच बीते महीने छह अंकों का फासला था. दरअसल ट्रंप और बाइडेन के बीच पहली बहस बाइडेन पर कुछ ज्यादा ही भारी पड़ गई थी, जिसके बाद ट्रंप पर चली गोली ने राजनीतिक तौर पर बाइडेन को कुछ और घायल किया और जब यह लगने लगा कि बाइडेन यह चुनाव हार जाएंगे तो डेमोक्रेट्स के भीतर से अपील होने लगी कि बाइडेन चुनाव ना लड़े. आखिरकार बाइडेन ने कदम पीछे किए और कमला हैरिस आगे आईं.
अमेरिकियों में बढ़ रही है हैरिस की लोकप्रियता
एबीसी न्यूज के हाल के ही पोल ने बताया है कि जुलाई के अंत तक हैरिस की अमेरिकियों के बीच पसंदगी की दर 43 फीसदी हो गई है, जो बाइडेन के समय अप्रूवल रेटिंग 35 फीसदी थी और तो और ऐंगस रीड इंस्टीट्यूट ने हैरिस को 2 फीसदी की बढ़त भी दिखाई है. इस पोल के मुताबिक 56 फीसदी अश्वेत वोटर हैरिस को पसंद करते हैं, जबकि ट्रंप के पक्ष में सिर्फ 25 फीसदी अश्वेत वोटर हैं. कमला हैरिस के 50 फीसदी वोटर युवा हैं और 35 साल से कम उम्र के हैं. जबकि इस उम्र के सिर्फ 32 फीसद वोटर ही ट्रंप के साथ हैं. बेशक श्वेत वोटरों के बीच ट्रंप आगे हैं, उन्हें 51 फीसदी का समर्थन हासिल है और कमला हैरिस को 37 फीसदी का. बुजुर्गों के बीच ट्रंप को 49 फीसदी का समर्थन है तो कमला हैरिस को 40 फीसदी का.
हैरिस ने 200 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई
कमला हैरिस के साथ बहुत बड़ी तादाद में समर्थक भी दिख रहे हैं. राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस में आने के बाद वह 200 मिलियन डॉलर जुटा चुकी हैं, जिनमें 66 फीसदी रकम ऐसे लोगों से आई है जिन्होंने इस चुनाव में पहली बार चंदा दिया है. 1.70 लाख कार्यकर्ताओं ने उनके प्रचार के लिए हामी भरी है, इस हफ्ते के अंत तक उनके समर्थन में 2300 से ज्यादा आयोजन होने हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या कमला हैरिस के आने से ट्रंप घबराए हुए हैं? क्या वह उनके साथ बहस में उतरेंगे?
प्रेसिडेंशियल डिबेट से टालमटोल कर रहे हैं ट्रंप
हमारी सहयोगी कादंबिनी शर्मा के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप को कमला हारिस से डर लगता है? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि एक बार फिर से ट्रंप प्रेसिडेंशियल डिबेट में कमला हैरिस के सामने आने से टालमटोल कर रहे हैं. पहली डिबेट डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच हुई थी और ऐसी हुई थी कि जो बाइडेन को आखिर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी छोड़नी पड़ी थी, अगली डिबेट 10 सितंबर को होनी पहले तय हुई थी. एबीसी न्यूज़ इसे करवाएगा, लेकिन कमला हैरिस के सामने आने से लग रहा है कि ट्रंप को परेशानी है, पहले तो उन्होंने कहा था कि जब तक शिकागो कन्वेंशन में डेमोक्रेटिक पार्टी आधिकारिक तौर पर कमला हैरिस की उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगाती है तब तक वह डिबेट नहीं करेंगे, लेकिन अब फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में वो कह रहे हैं कि शायद वो डिबेट करेंगे लेकिन ऐसा भी हो सकता है वो डिबेट ना करें.
उन्होंने कहा कि कमला हैरिस तैयार हैं और कह रही हैं कि वह किसी भी वक्त डिबेट करने के लिए तैयार हैं. असल में ट्रंप जिन चीजों को लेकर बाइडेन पर निशाना लगाते थे, अब उनमें से बहुत सारी चीजें बदल गई हैं. कमला हैरिस ट्रंप से कम से कम 20 साल छोटी हैं यानी उम्र उनकी तरफ है. बोलने में तेजतर्रार हैं. ट्रंप पर हमला करते हुए पहले ही कह चुकी है कि सेक्सुअल प्रिडेटर्स और कंविक्टेड फैलेज को पहचानती है और उनसे निपटना भी जानती हैं.
ट्रंप के सामने है ये मुश्किल
उन्होंने कहा कि ट्रंप की समस्या यह है कि अब उम्र को लेकर वो कोई हमला नहीं कर सकते हैं. वहीं कमला हैरिस पर ट्रंप ऐसा कोई हमला नहीं कर सकते हैं, जिनमें हैरिस पर महिला होने के लिए हमला किया जा रहा हो या उनके भारतीय मूल की महिला होने या ब्लैक आइडेंटिटी को लेकर उन पर निशाना साधा जा रहा हो. अगर इनमें से कुछ भी होता है तो ट्रंप जिस स्विंग वोट बैंक यानी वो वोटर जो किसी भी तरफ वोट दे सकते हैं, उन पर जो निशाना लगा रहे हैं तो ये दांव उल्टा पड़ सकता है. अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट को काफी नजदीक से देखा जाता है, डिबेट में पिछड़ने का मतलब होगा कि वो मजबूत कैंडिडेट नहीं है.
डेमोक्रेटिक पार्टी कमला हैरिस के साथ : भूतोड़िया
कमला हैरिस के समर्थक और डेमोक्रैट अजय जैन भूतोड़िया ने कहा कि कमला हैरिस न केवल 44 लाख भारतीय अमेरिकियों के लिए बल्कि पूरे अमेरिका और दुनिया के लिए एक आशा और उम्मीद की किरण के रूप में उभरी हैं. उन्होंने कहा कि पूरी डेमोक्रटिक पार्टी कमला हैरिस के साथ है. उन्होंने कहा कि ट्रंप का एजेंडा है कि वो अबॉर्शन को बैन करेंगे, वूमन राइट्स पर प्रतिबंध लगाएंगे, अमीरों के लिए टैक्स में कटौती करेंगे और और मिडिल क्लास के लिए टैक्स को बढ़ाएंगे.
लोग परिवर्तन चाहते हैं : संपत शिवांगी
रिपब्लिकन डेलीगेट डॉ. संपत शिवांगी ने कहा कि लोग परिवर्तन चाहते हैं, आखिरी चार सालों में बाइडेन और कमला हैरिस के शासन में तीन युद्ध चल रहे हैं. अर्थव्यवस्था 20 से 30 फीसदी कम हुई है. अमेरिका में हमास के समर्थक बढ़ गए हैं. अमेरिकियों को यह सब पसंद नहीं है. मुझे लगता है कि कमला हैरिस इंडियन ओरिजन की हैं, लेकिन फिर भी हम ट्रंप को पसंद करते हैं. वह भारत के मित्र हैं. कमला हैरिस चार साल उपराष्ट्रपति रहीं, लेकिन बुलावे के बावजूद भारत नहीं गईं.