ईरान और इजरायल में तनाव फिर बढ़ गया है. पिछले महीने की 26 तारीख को इजरायल ने ईरान के हमले का जवाब देते हुए हवाई हमला किया था. इसके जवाब में ईरान ने फिर जवाबी कार्रवाई की बात कही थी. अब पिछले महीने से अमेरिकी चुनाव के बाद परिस्थिति बदली हुई है. इजरायल को अंदेशा है कि ईरान बड़ा हमला कर सकता है. अब ईरान की नौसेना के एक अधिकारी ने कहा है कि ईरान ने अपनी नौसेना की ताकत को काफी बढ़ाया है. इस अधिकारी का कहना है कि ईरान के सबलान विध्वंसक (नेवल वॉर शिफ) ने हाल के मॉडल विकास के हिस्से के रूप में अपनी मिसाइल विविधता और रेंज को चौगुना कर दिया है. ईरान के अखबार में नौसेना के अधिकारी बयान छिपा है. इस अधिकारी के ऐसे बयान से इजरायल में कुछ खबराहट है. इसके पीछे का कारण यह भी है कि इजरायल का लेबनान के हिजबुल्लाह से तनाव जारी है.
हिजबुल्लाह की नौसेना की ताकत पहले से ज्यादा
हिजबुल्लाह लगातार इजरायल पर हमला कर रहा है. उधर, इजरायल का प्रयास है कि वह जल्द से जल्द हिजबुल्लाह को नाकाम करे और उसकी ताकत में खत्म करे. इजरायल की घबराहट की वजह यह भी है कि हिजबुल्लाह की नौसेना की ताकत पहले से कहीं ज्यादा हो गई है और ईरान की ताकत में इजाफा उसके लिए चुनौती साबित होगा. इजरायल का मानना है कि हिजबुल्लाह की ताकत के पीछे ईरान का समर्थन ही है.
ईरानी नेवी के अधिकारी का दावा
येरुसेलम पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक ईरानी अधिकारी ने दावा किया है कि सबलान अब 16 एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइलों से लैस है. इस वॉर शिप से पहले कथित तौर पर केवल चार 'कादर' और 'कादिर' क्रूज मिसाइलों को ही दागा जा सकता था. लेकिन अब ईरान ने इसका एडवांस वर्जन तैयार कर लिया है.
बढ़ा ली नेवी की ताकत
ईरानी अधिकारी के अनुसार, सबलान के शुरुआती मॉडल कथित तौर पर इस्लामिक शासन द्वारा राष्ट्र पर बलपूर्वक नियंत्रण करने से पहले यूनाइटेड किंगडम से खरीदे गए थे. यह रोस्तम नाम का अलवंड श्रेणी का युद्धपोत था. ईरानी अधिकारी ने दावा किया है कि इस वॉर शिप की मारक क्षमता अब 1,000 किलोमीटर से अधिक कर ली गई है.
गौरतलब है कि ईरानी अधिकारी का यह दावा मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच आया है. तेहरान और इज़राइल ने एक दूसरे के खिलाफ कई सीधे हमले किए हैं.
बता दें कि पिछले महीनेयेरुसेलम पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक इज़रायली नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि हिज़्बुल्लाह के पास अभी भी एक कार्यरत नौसैनिक शाखा है जिसके पास जहाज-रोधी मिसाइलें और संभावित नौसैनिक बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं. यह डर इजरायल की नौसेना को सता रहा है. आईडीएफ ने पिछले दशक में हिज़्बुल्लाह की नौसैनिक क्षमताओं पर बारीकी से नज़र रखी है. इसका अधिकांश ध्यान रूस निर्मित सुपरसोनिक याखोंट मिसाइल पर था. एक आकलन के मुताबिक, मिसाइल रूस से सीरिया को बेची गई थी और फिर हिजबुल्लाह को हस्तांतरित कर दी गई थी.
कहा जा रहा है कि हिजबुल्लाह ने ईरान के समर्थन से एक गुप्त नौसैनिक इकाई तैयार की है. इस बात पर इजरायल लगातार नज़र बनाए रखे था और धीमें-धीमें अपनी तैयारी भी करता आया है. हिजबुल्लाह की नौसैनिक इकाई के पास पोर्ट पर हमले की क्षमता है और इजरायल की नौसेना को इसी बात का डर सताता है.