अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया है कि ईरान इस समय सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बनाने का प्रयास नहीं कर रहा है. लेकिन वहां की सरकार के अंदर ईरान को परमाणु शक्ति बनाने की चर्चा बढ़ गई है. यह जानकारी अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) तुलसी गब्बार्ड ने मंगलवार, 25 मार्च को दी.
सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा, "अमेरिकी खुफिया समुदाय (IC) का आकलन जारी है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है और सर्वोच्च नेता खामनेई ने 2003 में निलंबित किए गए परमाणु हथियार कार्यक्रम को अधिकृत नहीं किया है."
हालांकि साथ ही गबार्ड ने यह भी कहा कि पिछले सालों में, यह देखा गया है कि "जिस तरह ईरान में दशकों सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों पर चर्चा करने से बचा जाता था, उसे टैबू माना जाता था, उसमें कमी आई है. इससे ईरान के निर्णय लेने वाले तंत्र के भीतर परमाणु हथियारों की वकालत करने वालों का हौसला बढ़ रहा है."
इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी, अमेरिका ने कहा था कि उसका मानना है कि ईरान ने रणनीतिक झटके लगने के बावजूद परमाणु हथियार बनाने का फैसला नहीं किया है. तब इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह नेताओं की हत्या कर दी थी और इजरायल पर हमले के दो बड़े पैमाने के प्रयास असफल रहे थे.
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में क्या है?
DNI) तुलसी गब्बार्ड ने अमेरिका के खुफिया समुदाय द्वारा जारी वार्षिक खतरे का आकलन भी जारी किया. इस रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि ईरान अपने क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने और शासन के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए अपनी मजबूत मिसाइल क्षमता, विस्तारित परमाणु कार्यक्रम के साथ-साथ क्षेत्रीय राज्यों और अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों तक अपनी राजनयिक पहुंच का लाभ उठाने की कोशिश करेगा.
इसमें कहा गया है इसके बावजूद क्षेत्रीय और घरेलू चुनौतियां, सबसे तात्कालिक इजरायल के साथ तनाव, ईरान की महत्वाकांक्षाओं और क्षमताओं का गंभीर परीक्षण कर रहे हैं. "IC का आकलन है कि ईरान की सेना को हुए नुकसान को फिर से संगठित करने और विशेष रूप से इजरायल के एक्शन को रोकने के लिए एक विश्वसनीय डेटरेंस प्रदान करने के लिए ईरान की संभावनाएं कमजोर हैं."