- ईरान की संसद ने IAEA के साथ सहयोग समाप्त करने का बिल पास किया है.
- बिल के लागू होने से ईरान अपनी परमाणु गतिविधियों की निगरानी नहीं करवाएगा.
- ईरान के संसद अध्यक्ष ने नागरिक परमाणु कार्यक्रम को तेज करने का संकेत दिया है.
Iran Nuclear Programme: इजरायल और अमेरिका के हवाई हमलों से ईरान तिलमिलाया हुआ है और उसने एक बड़ा कदम उठा लिया है. ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी ने बताया कि ईरान की संसद ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था (IAEA) के साथ अपने सहयोग को खत्म करने के लिए बुधवार को एक बिल को मंजूरी दे दी. यानी अब वो अपने परमाणु कार्यक्रम के साथ आगे क्या करता है, वो इसकी निगरानी की इजाजत न्यूक्लियर वॉचडॉग कही जाने वाी इस संस्था को नहीं देगा.
बिल पास होने के बाद यह लागू करने के लिए ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को भेजा जाएगा, जहां उसे आसानी से अंतिम मंजूरी मिल जाएगा. इजरायल ने ईरान के खिलाफ 13 जून को यही आरोप लगाकर हवाई युद्ध शुरू किया था कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर रहा है. ईरान ने लगातार इस दावे को झूठा बताया है और कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है.
संसद अध्यक्ष ने कहा है कि IAEA ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हुए इजरायली और अमेरिकी हमले की निंदा करने से भी इनकार कर दिया था और उसने "अपनी अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता को बिकने के लिए रख दिया है."
‘अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम तबाह नहीं हुआ'- पेंटागन का आकलन
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के हेडक्वाटर, पेंटागन ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमले का खुफिया प्रारंभिक आकलन किया है. इसके अनुसार ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट नहीं किया और शायद केवल इसे कुछ महीनों पीछे ही धकेला है.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की एक खूफिया एजेंसी- डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के इस आकलन (एसेस्मेंट) से परिचित सूत्रों ने सीबीएस को बताया है कि बमबारी में ईरान के समृद्ध यूरेनियम के भंडार को नष्ट नहीं किया जा सका है. हालांकि दूसरी तरफ व्हाइट हाउस ने कहा कि परमाणु कार्यक्रम को हुए नुकसान का यह शुरुआती आकलन "पूरी तरह से गलत" है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को "नीचा दिखाने का एक स्पष्ट प्रयास" है.