ईरानी इस्लामिक गणराज्य यानी ईरान में खतरनाक दर से लोगों को सजा-ए-मौत दी जा रही है. इस साल के 11 महीने में ईरान में 600 से ज्यादा लोगों को फांसी की सजा दी है. यह संख्या पिछले 8 साल में सबसे ज्यादा है. एक राइट्स ग्रुप ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
नॉर्वे स्थित ईरान मानवाधिकार (IHR) ग्रुप ने कहा कि इस सप्ताह तेहरान के बाहर एक जेल में एक ही दिन में 9 लोगों को फांसी दी गई, जबकि 2 लोगों को व्यभिचार (एडल्टरी) का दोषी पाए जाने के बाद फांसी की सजा दी गई. अगस्त में तेहरान की एक अदालत ने व्यभिचार के आरोप में एक पुरुष और एक महिला को मौत की सजा सुनाई थी.
IHR और ऐसे दूसरे ग्रुप ने ईरान पर लोगों के बीच डर पैदा करने के इरादे से सजा-ए-मौत का एक साधन के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. पिछले साल सितंबर से कई महीनों तक देश में महिलाओं के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर फांसी की सजा की संख्या बढ़ी है.
IHR के डायरेक्टर महमूद अमीरी-मोघदाम ने कहा, "इंटरनेशनल कम्युनिटी को 10 महीनों में 600 से ज्यादा फांसी की सजा पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए." उन्होंने कहा, ''चुप्पी इन अपराधों के लिए अप्रत्यक्ष सहमति है.'' मोघदाम ने कहा कि इसके बाद भी हैरानी की बात है कि ईरान इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सोशल फोरम का अध्यक्ष बना है.
IHR की 604 फांसी की संख्या 2022 में दर्ज 582 के आंकड़े से ज्यादा है. जबकि 2015 में 972 लोगों को मौत की सजा दी गई थी. ईरान में शादी से इतर सेक्सुअल रिलेशन गैरकानूनी है. हालांकि, हाल के वर्षों में एडल्टरी के लिए मौत की सजा अपेक्षाकृत कम हुई है.
इस बीच कार्यकर्ताओं ने नशीली दवाओं से संबंधित फांसी की बढ़ती संख्या पर निराशा व्यक्त की है, जो ईरान के आपराधिक कोड में संशोधन के कारण पहले गिरावट के बाद हाल के वर्षों में बढ़ी है.
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