46 साल बाद लौट आया ईरान का राजकुमार! खामेनेई को शाह राजवंश के क्राउन प्रिंस का यह भाषण डराएगा?

Israel Iran War: 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में राजशाही का पतन हुआ. लेकिन रेजा पहलवी अभी भी ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस माने जाते हैं. रेजा पहलवी ने अब सामने आकर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई और उनके शासन पर तीखा हमला किया है.

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Israel Iran War: 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में राजशाही का पतन हुआ.
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  • ईरान में अराजकता के बीच, निर्वासित क्राउन प्रिंस रेजा पहलवी ने बदलाव का आह्वान किया है.
  • उन्होंने कहा, इस्लामिक गणराज्य अपने अंत की ओर बढ़ रहा है.
  • पहलवी ने खामेनेई के शासन पर तीखा हमला किया है.
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इजरायली सैन्य हमले के बीच ईरान पूरी तरह से अव्यवस्था और अराजकता में है. यहां के लोग अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं. इसके सुप्रीम लीडर एक अज्ञात स्थान पर एक गुप्त बंकर में छिपे हुए हैं. इन सबके बीच ईरान के लोगों के लिए एक पुरानी और परिचित आवाज उठी है, जो बदलाव का आह्वान कर रही है, और ईरानियों को एक आशाजनक भविष्य का आश्वासन दे रही है. ईरान के शाह के वंशज रेजा पहलवी ने मंगलवार देर शाम राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "इस्लामिक गणराज्य अपने अंत पर आ गया है और ढह रहा है," उन्होंने कहा, "भविष्य उज्ज्वल है, और हम मिलकर इतिहास के पन्ने पलटेंगे."

गौरतलब है कि शाह परिवार के नेतृत्व और वंश के तहत, ईरान एक जीवंत राष्ट्र था, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ एक संवैधानिक राजशाही था.

1979 में इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में राजशाही का पतन हुआ. लेकिन रेजा पहलवी अभी भी ईरान के निर्वासित क्राउन प्रिंस माने जाते हैं. रेजा पहलवी ने अब सामने आकर ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई और उनके शासन पर तीखा हमला किया है.

निर्वासित क्राउन प्रिंस की ईरान की जनता से अपील

निर्वासित क्राउन प्रिंस ने कहा, "मेरे साथी देशवासियों, 'इस्लामिक रिपब्लिक' अपने अंत पर पहुंच गया है और ढहने की प्रक्रिया में है. खामेनेई, एक भयभीत चूहे की तरह, अंडरग्राउंड छिप गए हैं, और स्थिति पर नियंत्रण खो चुके हैं. जो शुरू हुआ है वह अपरिवर्तनीय है." उन्होंने आगे कहा, "भविष्य उज्ज्वल है, और एक साथ मिलकर, हम इतिहास में इस तीव्र मोड़ से गुजरेंगे. इन कठिन दिनों में, मेरा दिल उन सभी असहाय नागरिकों के साथ है, जिन्हें नुकसान हुआ है और जो खामेनेई के युद्धोन्माद और भ्रम का शिकार हुए हैं."

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राष्ट्र के पतन के लिए अयातुल्ला अली खामेनेई के शासन को दोषी ठहराते हुए, रेजा पहलवी ने कहा, "सालों से, मैंने अपनी मातृभूमि को युद्ध की आग में जलने से रोकने की कोशिश की है. इस्लामिक गणराज्य का अंत ईरानी राष्ट्र के खिलाफ 46 साल के युद्ध का अंत है. शासन का दमन तंत्र अंततः नष्ट हो रहा है."

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खामेनेई के नेतृत्व वाले शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट होने और विद्रोह करने का आग्रह करते हुए, पहलवी ने कहा, "इस दुःस्वप्न को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए अब केवल एक राष्ट्रव्यापी विद्रोह की आवश्यकता है. अब उठने का समय है; ईरान को पुनः प्राप्त करने का समय है. आइए हम सभी आगे आएं - बंदर अब्बास से बंदर अंजलि तक, शिराज से इशफहान तक, तबरीज से जाहेदान तक, मशहद से अहवाज तक, और शहर-ए-कोर्ड से। करमानशाह तक - और इस शासन का अंत करें."

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ईरान के लोगों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा, "इस्लामिक गणराज्य के पतन के अगले दिन से डरो मत. ईरान गृहयुद्ध या अस्थिरता की स्थिति में नहीं आएगा. हमारे पास ईरान के भविष्य और उसके उत्कर्ष के लिए एक योजना है. हम (अयातुल्ला खामेनेई के) पतन के बाद पहले सौ दिनों के लिए, संक्रमणकालीन अवधि के लिए, और एक राष्ट्रीय और लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए तैयार हैं - ईरानी लोगों द्वारा और ईरानी लोगों के लिए."

निर्वासित क्राउन प्रिंस ने अपील की, "सेना, कानून प्रवर्तन, सुरक्षा बलों और राज्य कर्मचारियों से - जिनमें से कई मुझे हाल के दिनों में संदेश भेज रहे हैं - मैं कहता हूं: ऐसे शासन के लिए ईरानी लोगों के खिलाफ खड़े न हों, जिसका पतन शुरू हो चुका है और अपरिहार्य है. एक पतनशील शासन के लिए खुद को बलिदान न दें. लोगों के साथ खड़े होकर, आप अपना जीवन बचा सकते हैं. ईरान के इस्लामी गणराज्य से लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तन में ऐतिहासिक भूमिका निभाएं और ईरान के भविष्य के निर्माण में भाग लें."

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उन्होंने साथी ईरानियों को अपना संबोधन समाप्त करते हुए कहा, "एक स्वतंत्र और समृद्ध ईरान हमारे सामने है. हम जल्द ही एक साथ हो सकते हैं. ईरान जिंदाबाद! ईरानी राष्ट्र जिंदाबाद!" 

ईरान के शाह का इतिहास

ईरान के अंतिम शाह, मोहम्मद रेजा पहलवी, 1979 में ईरान छोड़कर भाग गए थे क्योंकि इस्लामी क्रांति ने देश पर कब्जा कर लिया था. 1980 में मिस्र में उनकी मृत्यु हो गई. उनके बेटे, रेजा पहलवी, पीकॉक सिंहासन के उत्तराधिकारी थे, लेकिन राजवंश को बाहर कर दिया गया था और अब अमेरिका में रहते हैं. वह अहिंसक सविनय अवज्ञा और एक नई सरकार पर जनमत संग्रह के माध्यम से शासन परिवर्तन की बात करते हैं.

भले पहलवी के ईरानी प्रवासियों में बहुत सारे फैन हैं, जो राजशाही के वापसी का समर्थन करते हैं. लेकिन यह अनिश्चित है कि यह विचार ईरान के अंदर कितना लोकप्रिय हो सकता है. ईरान के वो लोग ज्यादा जिंदा बचे नहीं हैं जिन्होंने इस्लामी क्रांति से पहले के जीवन को देखा है. पहलवी के पिता 46 साल पहले जिस देश से भाग गए थे, आज वह उससे बहुत अलग दिखता है.

कई ईरानी क्रांति के पहले के उस युग को पुरानी यादों के साथ देखते हैं, लेकिन ईरान में अन्य लोग उस दौर की असमानताओं और उत्पीड़न को भी याद करते हैं.

इस्लामी क्रांति से पहले, ईरान की अमेरिका और इजरायल, दोनों के साथ दोस्ती थी. लेकिन तेहरान और वाशिंगटन 1979 से कट्टर दुश्मन रहे हैं, जब अमेरिका समर्थित शाह की सरकार को हटा दिया गया था और इस्लामिक गणराज्य की स्थापना हुई थी, जिसके सर्वोच्च नेता 'अयातुल्ला' थे.

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