इंडोनेशिया स्कूल हादसा: 12 घंटे बाद भी 65 बच्चे मलबे में दबे, बाहर निकालना बड़ी चुनौती; पहुंचाया जा रहा ऑक्सीजन और पानी

पूर्वी जावा के सिदोअर्जो शहर में अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल के ढहने के आठ घंटे से भी ज़्यादा समय बाद रेस्क्यू टीम, पुलिस और सैनिकों ने रात भर खुदाई करके 8 घायलों को बाहर निकाला.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • इंडोनेशिया में इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल की इमारत ढहने से लगभग 65 छात्र दबे होने की आशंका है.
  • हादसे में एक छात्र की मौत हो चुकी है और कई छात्र घायल हैं और अब भी मलबे में दबे हुए हैं.
  • रेस्क्यू टीम लगातार राहत कार्य में लगी हुई है और मलबे के नीचे फंसे छात्रों तक ऑक्सीजन और पानी पहुंचा रही है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

इंडोनेशिया में एक बड़ा हादसा हो गया है. स्कूल की एक इमारत ढहने से करीब 65 छात्र दबे होने की आशंका है. रेक्स्यू ऑपरेशन जारी है.स्कूल की इमारत जर्जर हालत में थी. घटना के 12 घंटे से भी अधिक समय बाद मंगलवार को भी छात्रों को बाहर निकालने के प्रयास (Indonesia School Building Collapses) जारी हैं. कंक्रीट के मलबे में फंसे छात्रों को ऑक्सीजन और पानी पहुंचाया जा रहा है. रेस्क्यू टीम मंगलवार सुबह भी फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है. इस हादसे में एक छात्र की मौत हो गई है, वहीं दर्जनों घायल हुए हैं. करीब 65 छात्रों के मलबे में दबे होने की आशंका है.

ये भी पढ़ें- ट्रंप को 217 करोड़ देगा यूट्यूब, अकाउंट सस्पेंड मामले में गूगल ने किया समझौता

स्कूल की बिल्डिंग ढहने से मलबे में दबे छात्र

यह हादसा पूर्वी जावा के सिदोअर्जो शहर में अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल में हुआ है. बिल्डिंग ढहने के बाद ही रेस्क्यू टीम राहत और बचाव कार्य में जुट गई थी. घटना के आठ घंटे से अधिक समय बाद पुलिस, सैन्यकर्मी एवं बचावकर्मी आठ घायलों को बाहर निकालने में सफल रहे. वहीं कई शव भी रेस्क्यू टीम ने देखे हैं. जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है.

रेस्क्यू टीम बच्चों को बाहर निकलने में जुटी

इस हादसे से बच्चों के परिवारों में हाहाकार मचा हुआ है. पीड़ित परिवार अस्पतालों और स्कूल की इमारत के पास जमा हैं. वह अपने बच्चों को सही सलामत बाहर निकाले जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. धूल से लथपथ बचावकर्मियों ने जब एक घायल छात्र को इमारत के मलबे से बाहर निकाला तब उसके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था.बोर्डिंग स्कूल परिसर में स्थापित कमांड पोस्ट पर लगे एक नोटिस बोर्ड पर मंगलवार सुबह तक 65 छात्रों के लापता होने की सूचना थी. इनमें ज़्यादातर छात्र 7वीं से 11वीं क्लास के लड़के हैं, जिनकी उम्र 12 से 17 साल के बीच है.

'प्लीज मेरे बच्चे को तुरंत ढूंढिए'

बोर्ड पर अपने बच्चे का नाम देखकर एक मां बुरी तरह से फफक पड़ी. उन माता-पिता की भी चीखें सुनाई दीं जिनके बच्चों का नाम बोर्ड पर था. वह कह रहे थे, ओह गोड, मेरा बेटा अभी भी दबा है, प्लीज हेल्प !" एक बच्चे का पिता रेस्क्यू टीम के एक सदस्य का हाथ पकड़कर चीखने लगा- प्लीज मेरे बच्चे को तुरंत ढूंढिए.

रेस्क्यू टीम के अधिकारी नानंग सिगिट ने कहा कि कंक्रीट के भारी स्लैब और अन्य मलबे की वजह से रेस्क्यू बिल्कुल भी आसान नहीं है. बचावकर्मियों को परेशानी ढेलनी पड़ रही है. भारी उपकरण मौजूद थे लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा क्यों कि चिंता ये भी थी कि ढहाव और ज्यादा हो सकता है.

Advertisement

फंसे लोगों तक पहुंचाया जा रहा ऑक्सीजन और पानी

सिगिट ने कहा कि मलबे में फंसे लोगों तक ऑक्सीजन और पानी पहुंचाया जा रहा है, ताकि उनको जिंदा रखा जा सके. दबे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि रेस्क्य टीम ने मलबे के नीचे कई शव देखे, लेकिन उनका ध्यान उन लोगों को बचाने पर था जो अभी भी जीवित हैं.

Featured Video Of The Day
धुएं का गुबार, टूटी इमारतें, Viral Photo की असलियत क्या है?
Topics mentioned in this article