- जून 2025 में अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत कम होकर 2.81 लाख रही.
- अमेरिका आने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में जून में 6.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
- अमेरिका जाने वाले भारतीय यात्रियों में छात्र, पेशेवर और रिश्तेदार से मिलने वाले यात्री शामिल होते हैं.
पिछले दो दशक से भी ज्यादा समय में पहली बार, अमेरिका जाने वाले भारतीयों की संख्या में कमी आई है. ये आंकड़े कोविड-19 के वर्षों को छोड़कर है, जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाए गए थे. अमेरिकी वाणिज्य विभाग के राष्ट्रीय यात्रा और पर्यटन कार्यालय (एनटीटीओ) के अनुसार, जून 2025 में 2.1 लाख भारतीय अमेरिका गए, जो पिछले साल इसी महीने में गए 2.3 लाख भारतीयों की तुलना में 8 फीसदी की गिरावट है. जुलाई में भी यह गिरावट जारी रही, अस्थायी आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2024 की तुलना में इसमें 5.5 फीसदी की कमी आई.
बड़ी वैश्विक गिरावट
यह गिरावट एक बड़े वैश्विक रुझान का हिस्सा है. एनटीटीओ के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में आने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है. जून में 6.2 फीसदी, मई में 7 फीसदी, मार्च में 8 फीसदी और फरवरी में 1.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. केवल जनवरी और अप्रैल में ही क्रमशः 4.7 फीसदी और 1.3 फीसदी की वृद्धि देखी गई थी.
अमेरिका जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में भारत अभी भी चौथा सबसे बड़ा स्रोत है. चूंकि कनाडा और मेक्सिको की सीमाएं अमेरिका से लगती हैं, इसलिए भारत यूनाइटेड किंगडम के बाद दूसरा सबसे बड़ा विदेशी बाज़ार है, जिसके बाद ब्राज़ील पांचवें स्थान पर है.
छात्र, प्रोफेशनल और रिश्तेदार शामिल
जून में इन पांच देशों से अमेरिका आने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से लगभग 60 फीसदी यात्री आए थे. परंपरागत रूप से, अमेरिका जाने वाले भारतीय यात्रियों में छात्र, पेशेवर और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने वाले लोग शामिल होते हैं.
दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप जैसे स्थानों की तुलना में अमेरिका में घूमने के लिए जाने वाले यात्रियों की संख्या हमेशा से कम रही है. वर्तमान गिरावट छात्रों के बीच सबसे स्पष्ट रूप से देखी जा रही है, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वीजा में देरी और प्रतिबंध जारी रहे तो व्यापार और पारिवारिक यात्राएं भी प्रभावित हो सकती हैं.
अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की संख्या 50 लाख से अधिक है, जिसने आमतौर पर यात्रा के प्रवाह को बनाए रखा है. वास्तव में, एनटीटीओ के आंकड़े बताते हैं कि 2001 के बाद से हर जून में पिछले साल की तुलना में अधिक संख्या दर्ज की गई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
इस साल अप्रैल का महीना भारतीय यात्रियों के लिए कुल मिलाकर सकारात्मक रहा था, जब 29 लाख लोग विदेश गए थे. यूएई सबसे लोकप्रिय गंतव्य था, जिसके बाद सऊदी अरब, थाईलैंड, सिंगापुर और अमेरिका का स्थान था.