रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच NDTV ने रूस के शहर कुर्स्क में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों से बातचीत की. इस दौरान यहां की यूनिवर्सिटी (University) में पढ़ने वाले छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि हम यहां बीते दो-तीन सालों से हैं. लेकिन इस दौरान हमें कभी भी ऐसा नहीं लगा कि हम यहां असुरक्षित हैं. स्थानीय और खुद विश्वविद्यालय प्रशासन (University Administration) हमे किसी भी आपात स्थिति को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर देते हैं. एक एडवाइजरी हमारे फोन पर पहले ही भेज दिया जाता है. जिसमें ये साफ तौर पर मेंशन होता है कि अगर एयर सायरन बजे तो उस स्थिति में हमे घर के अंदर रहना है और अंदर रहते हुए क्या कुछ करना है.
छात्रों ने कहा- माता पिता ना करें चिंता
रूस में रहकर पढ़ाई करने वाले एक भारतीय छात्र ने एनडीटीवी को बताया कि हम यहां बीते तीन साल से रह रहे हैं. जब से रूस और युक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ तब से हम यहां पर ही हैं. हमें अभी तक यहां खतरे जैसा कुछ भी एहसास नहीं हुआ है. हम पूरी तरह से बगैर किसी डर के सुरक्षित है और जो हालात हैं उसमें खुद को ढाल चुके हैं. आज तक ऐसा कुछ लगा नहीं कि यहां कुछ बदला है.
"हमें यहां मिल रहा है सुरक्षित वातावरण"
लखनऊ से गई छात्रा ने NDTV को बताया कि हमें यहां एक सुरक्षित वातावरण दिया गया है. हमें साइरन बजने को लेकर पहले ही सूचित किया जाता है. अब स्थिति ये है कि अब हमारे माता-पिता फोन भी करते हैं तो वो सिर्फ हमसे हालचाल जानने के लिए करते हैं. उन फोन कॉल्स में अब पहले की डर जैसी बात नहीं होती है. अब हम यहां पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करते हैं.
"युद्ध जरूर हो रहा है लेकिन हमें डर नहीं लग रहा"
वहीं, तमिलनाडु से पढ़ाई के लिए यहां आए एक छात्र ने बताया कि यहां की सरकार हमे हर दिन के युद्ध को लेकर अपडेट देती रहती है. साथ हमे ये भी हर दिन बताया जाता है कि आज हालात कैसे हैं. जो लोग यहां से दूर हैं उन्हें हमारे बारे सोच कर चिंता होती होगी लेकिन अगर सही मायनों में कहें तो अब हमे लेकर चिंतित होने जैसा कुछ नहीं है. हम यहां इसलिए आए क्योंकि मेडिकल की पढ़ाई के लिए यह एक अच्छी यूनिवर्सिटी है. यहां युद्ध जरूर हो रहा है लेकिन अब डर जैसा कुछ नहीं है.
रूस और यूक्रेन के हालात में काफी अंतर है: छात्र
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में भारत सरकार को जिस तरह की मुश्किलों को सामना करना पड़ा था क्या उसे देखते आप लोगों को कभी वैसा डर नहीं लगा कि अगर आप भी यहां युद्ध के बीच फंस गए तो क्या होगा ? इस सवाल के जवाब में रूस में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने कहा यूक्रेन और यहां के हालात में काफी अंतर है. हमे यहां कभी भी नहीं लगा कि हम असुरक्षित हैं.
हम पूरी तरह सुरक्षित हैं, आप भी आकर कर सकते हैं अच्छी पढ़ाई
एनडीटीवी की तरफ से जब छात्रों से पूछा गया कि आप भारत में रहने वाले छात्रों को क्या संदेश देना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि हम पुरी तरह से सुरक्षित हैं. हमें यहां कोई दिक्कत नहीं है. आप भी यहां आकर एक अच्छी पढ़ाई कर सकते हैं. छात्रों ने कहा कि सबसे अच्छी बात है कि यहां किसी भी तरह का नस्लीय भेदभाव नहीं है. गौरतलब है कि ये छात्र जिस जगह पर पढ़ाई कर रहे हैं यहा यूक्रेन बॉर्डर के बिल्कुल करीब है.
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