भारतीय शांतिरक्षकों को दक्षिण सूडान में मिल रहा सम्मान, स्वास्थ्य, शिक्षा, और खेल क्षेत्रों में दे रहे योगदान

दक्षिण सूडान (South Sudan) के मलाकल में भारतीय पशु चिकित्सक लेफ्टिनेंट कर्नल फिलिप वर्गीज ने ‘पीटीआई-भाषा’ को टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऊपरी नील राज्य में हमारी एकमात्र टुकड़ी है, जो पशु चिकित्सा संबंधी सहयोग मुहैया कराती है. इसके अलावा हम क्षमता निर्माण, छात्रों को कंप्यूटर संबंधी प्रशिक्षण देने और लड़कियों के लिए विज्ञान क्षेत्र में शैक्षणिक जागरुकता कार्यक्रम चलाने समेत विभिन्न कौशल विकास पहलों में भी काफी मदद कर रहे हैं.’’

Advertisement
Read Time: 23 mins
दक्षिण सूडान के ऊपरी नील राज्य में सेवारत हैं 1,160 भारतीय शांतिरक्षक (प्रतीकात्मक तस्वीर)
संयुक्त राष्ट्र:

दक्षिण सूडान (South Sudan) में संयुक्त राष्ट्र के मिशन (UNMISS) में तैनात भारतीय शांतिरक्षकों (Indian Peacekeepers)  को उनके साहस एवं सेवा के लिए स्थानीय प्राधिकारियों और नागरिकों से सम्मान व प्रशंसा मिल रही है. सूडान में भारतीय शांतिरक्षक संयुक्त राष्ट्र से मिले आदेश के तहत समुदायों की मदद के लिए महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण एवं पशु चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के अपने कर्तव्यों से कहीं ज्यादा योदगान दे रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा मिशन में भारतीय बलों की संख्या सर्वाधिक है. इस साल अप्रैल में दक्षिण सूडान के ऊपरी नील राज्य में सेवारत 1,160 भारतीय शांतिरक्षकों को उनके अनुकरणीय कार्य एवं सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पदकों से सम्मानित किया गया था।.

दक्षिण सूडान के मलाकल में भारतीय पशु चिकित्सक लेफ्टिनेंट कर्नल फिलिप वर्गीज ने ‘पीटीआई-भाषा' को टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऊपरी नील राज्य में हमारी एकमात्र टुकड़ी है, जो पशु चिकित्सा संबंधी सहयोग मुहैया कराती है. इसके अलावा हम क्षमता निर्माण, छात्रों को कंप्यूटर संबंधी प्रशिक्षण देने और लड़कियों के लिए विज्ञान क्षेत्र में शैक्षणिक जागरुकता कार्यक्रम चलाने समेत विभिन्न कौशल विकास पहलों में भी काफी मदद कर रहे हैं.''

लेफ्टिनेंट कर्नल वर्गीज और उनकी टुकड़ी ने स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर सराहनीय काम किया है और उनकी प्रशंसा एवं सम्मान हासिल किया है.

Advertisement

लेफ्टिनेंट कर्नल वर्गीज ने बताया कि इस क्षेत्र में सरकारी पशु चिकित्सा सुविधाएं लगभग न के बराबर हैं और स्थानीय लोगों की आजीविका का अहम साधन पशु हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने और पशुओं का उपचार करने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है, जिससे समुदायों की आय एवं खाद्य सुरक्षा पर सकारात्मक असर पड़ता है.

Advertisement

लेफ्टिनेंट कर्नल वर्गीज ने कहा कि इंडबैट-1 (भारतीय बटालियन-1) के कमांडर कर्नल विजय रावत की अगुवाई में शांतिरक्षक स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह शांतिरक्षा दल युवाओं के लिए कार्यशालाओं का भी आयोजन करता है, जिसमें बताया जाता है कि वे शांति और सुरक्षा के क्षेत्र में कैसे आदर्श बन सकते हैं.

Advertisement

लेफ्टिनेंट कर्नल वर्गीज ने कहा कि पशुओं के इलाज सहित शांतिरक्षकों के विभिन्न कार्यों से स्थानीय आबादी के साथ समग्र विश्वास निर्माण में मदद मिलती है.

Featured Video Of The Day
Satyendar Jain पर 7 करोड़ की रिश्वत लेने और केंद्र सरकार की कंपनी पर देने का आरोप, क्या है मामला?