ब्रिटेन (UK) में बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के बाद लिज ट्रस (Liz Truss) की सरकार बन गई है. भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) को ब्रिटेन का गृह मंत्री (UK's new Home Secretary) नियुक्त किया गया है. उन्होंने अपनी कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) की नेता प्रीती पटेल (Priti Patel) का स्थान लेंगी. 42 साल की नेता सुएला अब तक बोरिस जॉनसन की सरकार में एटॉर्नी जनरल के स्थान पर थीं. वह बोरिस जॉनसन को टोरी लीडर और प्रधानमंत्री पद से हटाने का प्रयास करने वालों में पहले स्थान पर थीं. ब्रेवरमन को नई नियुक्त प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने गृह मंत्री को तौर पर नियुक्त किया.
ब्रेवरमैन दो बच्चों की मां हैं और वह तमिल मूल की मां उमा और गोवा मूल के पिता क्रिटी फर्नांडिस की बेटी हैं. उनकी मां ब्रिटेन में मॉरीशियस से पहुंचीं थीं जबकि उनके पिता केन्या से 1960 के दशक में ब्रिटेन पहुंचे थे.
ब्रेवरमैन को सरकार की तरफ से कुछ शरण ढूंढने वालों को रवांडा भेजने का काम मिलेगा. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट में कुछ कानूनी चुनौतियां हैं.
कंजरवेटिव पार्टी में ब्रेक्ज़िट की घोर समर्थक रहीं ब्रेवरमैन ने कहा, मैं ब्रेग्जिट के अवसरों का लाभ उठाते हुए बचे हुए मुद्दों को सुलझाना चाहूंगी. साथ ही टैक्स कम करने पर मेरा ध्यान रहेगा. कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य यूरोप से अलग होना चाहते हैं और इसमें यूके को यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स से बाहर निकालना भी शामिल है.
ब्रेवरमैन ने जुलाई में जारी की गई अपनी नेतृत्व की कैंपेन के एक वीडियो में अपने मां-बाप के बारे में कहा था, " उन्हें ब्रिटेन से प्रेम था. इससे उन्हें उम्मीद मिली. इससे उन्हें सुरक्षा मिली. इस देश ने उन्हें अवसर दिए."
लेकिन वह शरुआती मतदान के बाद दूसरे दौर में ही दौड़ से बाहर हो गई थीं और फिर उन्होंने लिज ट्रस को अपना समर्थन दिया. लिज ट्रस ने इसी बात का मान रखते हुए उन्हें ब्रिटिश सरकार के सबसे बड़े दफ्तरों में से एक दिया है.
ब्रेवरमैन ने कहा, " लिज ट्रस को काम सीखने की ज़रूरत नहीं है. वो तैयार हैं, इस काम को सही से किए जाने की ज़रूरत है. पार्टी के पिछले 6 महीने मुश्किल भरे रहे, और अब स्थिरता की आवश्यकता है."
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लॉ ग्रेजुएट राएल ब्रेवरमैन से 2018 में उनकी शादी हुई थी, और उनके मातृत्व अवकाश से पिछले साल एक बड़ा कानूनी बदलाव हआ था जब उन्हें अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने के समय केंद्रीय मंत्री के पद पर बने रहने की अनुमति दी गई.
ब्रेवरमैन एक बौद्ध हैं जो नियमित तौर पर लंदन बुद्धिस्ट सेंटर जाती हैं और उन्होंने संसद में पद की शपथ बौद्ध पुस्तक "धम्मपद" पर हाथ रखकर ली थी.