मंगल ग्रह की सतह पर ‘पर्सेवियरेंस' रोवर को उतारने के अभियान में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. स्वाति मोहन ने कहा है कि अमेरिका स्पेस एजेंसी से जुड़ने की उनकी चाहत उस समय शुरू हो गई थी जब बच्चे के तौर पर उन्होंने स्टार ट्रेक का पहला एपिसोड देखा था. स्वाति ने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत के दौरान कही. स्वाति मोहन जब केवल एक वर्ष की थीं तभी उनके अभिभावक अमेरिका शिफ्ट हो गए थे. उन्होंने बताया कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से जुड़ने की उनकी राह बच्चे के रूप में लोकप्रिय टीवी शो स्टार ट्रेक देखने के साथ शुरू हुई थी. मोहन ने नासा के मंगल 2020 अभियान में दिशा-निर्देश, दिशा-सूचक और नियंत्रण अभियान का नेतृत्व किया. ‘पर्सेवियरेंस' रोवर 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरा था.
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बातचीत के दौरान स्वाति ने नासा की टीम से बात करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया. स्वाति ने कहा, 'हमारे साथ बातचीत का वक्त निकालने के लिए शुक्रिया.' इस पर राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, 'क्या आप मजाक कर रहे हैं ("You Kidding Me). यह मेरे लिए सम्मान की बात है, यह वास्तव में शानदार है.' मंगल की सतह पर ‘पर्सेवियरेंस' रोवर को उतारने के अभियान में शामिल नासा के वैज्ञानिकों से डिजिटल माध्यम से बात करते हुए बाइडेन ने कहा, ‘‘भारतीय मूल के अमेरिकियों का देश में दबदबा बढ़ा है. आप (स्वाति मोहन), उपराष्ट्रपति (कमला हैरिस), मेरे भाषण लेखक (विनय रेड्डी) हैं.'' बाइडेन ने अपने प्रशासन में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों को शामिल किए जाने का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय-अमेरिकी लोगों का देश में दबदबा बढ़ा है.
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राष्ट्रपति पद संभालने के 50 दिन के भीतर ही जो बाइडेन ने अपने प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर भारतीय मूल के कम से कम 55 लोगों को नियुक्त किया है. राष्ट्रपति के भाषण लेखन से लेकर अंतरिक्ष एजेंसी नासा तक सरकार के हर विभाग में भारतीय मूल के अमेरिकियों की नियुक्ति हुई है.बाइडन ने 20 जनवरी को अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. उन्होंने अपने प्रशासन में भारतीय मूल के कम से कम 55 लोगों की नियुक्ति की है. इनमें से आधी संख्या महिलाओं की हैं और वे व्हाइट हाउस में काम कर रही हैं. इससे पहले बराक ओबामा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा भारतीय मूल के लोगों की नियुक्ति की गई थी.भारतवंशी समाजसेवी और ‘इंडियास्पोरा' के संस्थापक एम रंगास्वामी ने कहा, ‘‘यह देखना अत्यंत सुखद है कि भारतीय मूल के कई लोग लोकसेवा का काम कर हैं. नयी सरकार के बाद और कई लोग जुड़े हैं. समुदाय का दबदबा बढ़ते देखकर गर्व की अनुभूति हो रही है.'' (भाषा से भी इनपुट)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)