भारत का ‘वाटर स्ट्राइक’! बगलिहार बांध से पानी रोका, समझिए पाकिस्तान क्यों करता रहा है विरोध

Pahalgam Kashmir Terrorist Attack: भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भारत ने बगलिहार बांध से जाने वाला पाकिस्तान का पानी रोका

कश्मीर के पहलगाम में कायराना आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का तैयार है. भारत ने पहले ही सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है. अब अगला कदम उठाते हुए भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है और झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एक सूत्र ने यह जानकारी दी है.

मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जम्मू के रामबन में बगलिहार जलविद्युत बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा जलविद्युत बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को रेगुलेट करने की क्षमता देते हैं.

गौरतलब है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया है.

बगलिहार बांध पर क्यों आमने-सामने हैं भारत-पाकिस्तान?

बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है. पाकिस्तान इस मामले में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता की मांग कर चुका है. पाकिस्तान को किशनगंगा बांध को लेकर भी खासकर झेलम की सहायक नदी नीलम पर इसके प्रभाव के कारण आपत्ति है. 

Advertisement

अब आपको यहां कि जियोग्राफी बताते हैं. चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में बारलाचाला से निकलती है. हिमाचल में ये दो नदियों से मिलकर बनती है जिनके नाम हैं चंद्रा और भागा. हिमाचल से ये नदी फिर जम्मू-कश्मीर जाती है. इस नदी में पानी का काफी प्रवाह है और इसी नदी पर जम्मू-कश्मीर के रामबन में बगलिहार बांध प्रोजेक्ट बना है जिस पर पाकिस्तान को शुरू से ही ऐतराज रहा है. दरअसल भारत पश्चिमी नदियों में से एक चिनाब पर सिर्फ रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट ही बना सकता है और बिजली उत्पादन के लिए जितना जरूरी हो उतना ही पानी रोक सकता है. भारत ने इसी हक का इस्तेमाल किया है. लेकिन पाकिस्तान को इस बांध के डिजाइन और भंडारण क्षमता पर ऐतराज रहा है. इस मामले में एक न्यूट्रल एक्सपर्ट ने डैम की ऊंचाई सिर्फ डेढ़ मीटर करते हुए बाकी फैसला भारत के पक्ष में सुनाया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: भारत से तनाव, जनता कंगाल... फिर भी अपनी जेब भर रही पाक सरकार, मंत्रियों की सैलरी 188% बढ़ाई

Advertisement
Featured Video Of The Day
NEET PG 2025 Exam को लेकर Supreme Court का केंद्र सरकार को Notice | BREAKING | TOP NEWS