भारत ने पाकिस्तान के द्वारा दो पाक नागरिकों की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोपों का जोरदार खंडन किया है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अपने कुकर्मों के लिए दूसरों को दोषी ठहराना न तो न्यायोचित हो सकता है, न ही (समस्या का) समाधान है. भारत की तरफ से कहा गया है कि यह भारत विरोधी दुष्प्रचार करने का पाकिस्तान का ताजा प्रयास है.
भारत की तरफ से कहा गया है कि जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का केंद्र रहा है. भारत और कई अन्य देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह आतंक और हिंसा की अपनी संस्कृति को खत्म करे.
पाकिस्तान ने क्या आरोप लगाया था?
पाकिस्तान ने गुरुवार को दावा किया था कि उसके पास पिछले साल सियालकोट और रावलकोट में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो पाकिस्तानी आतंकवादियों की हत्या तथा कथित ‘‘भारतीय एजेंट'' के बीच संबंधों के ‘‘ठोस सबूत'' हैं. विदेश सचिव मुहम्मद साइरस सज्जाद काजी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान के ‘अंदर और न्यायेतर हत्याओं' में शामिल रहा है.
किसकी हुई थी हत्या?
गौरतलब है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के प्रमुख सहयोगी और पठानकोट में भारतीय वायु सेना बेस पर 2016 के हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ को 11 अक्टूबर, 2023 को पंजाब प्रांत के सियालकोट की एक मस्जिद में गोली मार दी गई थी. आठ सितंबर, 2023 को प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट इलाके में हुई. कासिम एक जनवरी, 2023 को जम्मू-कश्मीर में ढांगरी आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल था.
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