- भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी हो गई है
- न्यूजीलैंड अपने सभी टैरिफ को खत्म कर सकता है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बिना टैरिफ के बाजार मिलेगा
- FY25 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें भारत का निर्यात 711.1 मिलियन था
भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत पूरी हो गई है. इसकी जानकारी न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन ने दी है. इस समझौते के तहत, न्यूजीलैंड अपनी 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर टैरिफ को खत्म कर सकता है, जिससे सभी भारतीय निर्यातों के लिए बिना किसी टैरिफ के न्यूजीलैंड के बाजारों तक पहुंच उपलब्ध होगी.
वार्ता औपचारिक रूप से 16 मार्च, 2025 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच एक बैठक के दौरान शुरू की गई थी. पांच औपचारिक दौर की बातचीत और कई व्यक्तिगत और वर्चुअल बैठकों के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया है. यह समझौता भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ भारत के जुड़ाव में एक प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मील का पत्थर है.
न्यूजीलैंड पीएम ने दी जानकारी
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत संपन्न हो गई है. उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता भारत में हमारे 95 प्रतिशत निर्यात पर टैरिफ को कम कर देगा या पूरी तरह हटा देगा. पीएम लक्सन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अनुमान है कि आने वाले दो दशकों में भारत को न्यूजीलैंड का निर्यात 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष हो सकता है. उन्होंने बताया, "मैंने न्यूजीलैंड-भारत मुक्त व्यापार समझौते के समापन के बाद अभी भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है... यह समझौता हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती पर आधारित है. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इससे कीवी व्यवसायों को 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच मिलती है."
FTA से किसे कितना फायदा?
- वित्त वर्ष 24-25 में, दोनों देशों के बीच 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था. जहां भारत ने 711.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया था, वहीं न्यूजीलैंड से 587.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात आया था.
- न्यूजीलैंड में भारतीय सामानों पर लगने वाला औसत आयात शुल्क (टैरिफ) केवल 2.3 प्रतिशत है, जबकि भारत का 17.8 प्रतिशत है. इतना ही नहीं न्यूजीलैंड की 58.3 प्रतिशत टैरिफ लाइनें पहले से ही शुल्क-मुक्त (टैरिफ फ्री) हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 100 प्रतिशत निर्यात पर अब न्यूजीलैंड में कोई टैरिफ नहीं लगेगा. वहीं भारत ने न्यूजीलैंड को 70 प्रतिशत लाइनों में टैरिफ उदारीकरण की पेशकश की है.
- न्यूजीलैंड के लिए भारत का निर्यात ईंधन, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स में केंद्रित है. एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की शिपमेंट में 110.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान रहा, इसके बाद कपड़े, फैब्रिक और होम टेक्सटाइल का शिपमेंट 95.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. दवाओं का योगदान 57.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि टर्बोजेट सहित मशीनरी का योगदान 51.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.
- न्यूजीलैंड को निर्यात होने वाले सामानों में पेट्रोलियम उत्पाद एक अन्य प्रमुख घटक थे, जिसमें डीजल निर्यात कुल 47.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर और पेट्रोल निर्यात कुल 22.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर था.
- वहीं इसके विपरीत, भारत में आने वाले न्यूजीलैंड के निर्यात में कच्चे माल और कृषि उत्पादों का प्रभुत्व है. लकड़ी और लकड़ी से बनी वस्तुएं (78.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और लकड़ी की लुगदी (39.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर) कागज, पैकेजिंग और निर्माण में काम आती हैं. वहीं न्यूजीलैंड से होने वाले स्टील स्क्रैप का निर्यात 71.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि एल्युमीनियम स्क्रैप का कुल निर्यात 42.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ.













