खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर ही हत्या को लेकर भारत-कनाडा के संबंधों में खटास आ गई. कनाडा ने निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का शक जाहिर किया, जिसका नई दिल्ली ने कड़ा विरोध किया था. हालांकि, कनाडा के रुख अब नर्म पड़ता नजर आ रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू में सीटीवी को बताया कि ब्रिटिश कोलंबिया में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या पर तनाव बढ़ने के बाद भारत कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो रहा है.
नर्म पड़ा कनाडा
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में तब खटास आ गई थी, जब पिछले साल प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा "विश्वसनीय आरोपों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहा है" कि भारतीय एजेंट संभावित रूप से जून 2023 में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े थे. भारत ने निज्जर की हत्या में किसी भी औपचारिक सरकारी भूमिका से इनकार किया है. ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने सीटीवी को बताया, "मैं उन्हें (भारतीयों को) सहयोग नहीं करने वाला नहीं कहूंगा. मुझे लगता है कि हमने उस रिश्ते में प्रगति की है."
अमेरिकी दखल के बाद बदले हालात
सीटीवी ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर साक्षात्कार का एक अंश प्रकाशित किया. पूरा इंटरव्यू रविवार को प्रसारित किया जाएगा. कनाडा, भारत पर निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग करने के लिए दबाव डाल रहा है. पिछले नवंबर में, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में एक खालिस्तानी आतंकवादी को मारने की साजिश को विफल कर दिया है. थॉमस ने सीटीवी को बताया, "उन्होंने (अमेरिकियों ने) जो जानकारी साझा की, वो भारत के साथ हमारी स्थिति और हमारे दावों का समर्थन करती है, और भारत हमारे साथ काम कर रहा है... इसे हल करने के लिए और अधिक निकटता से." ट्रूडो ने कहा कि दिसंबर में अमेरिकी दखल के बाद ओटावा के साथ नई दिल्ली के सुर में बदलाव महसूस किया.
2 मिलियन कनाडाई भारतीय विरासत
इस कटुता के कारण मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा में देरी हुई है और कनाडा की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना को खतरा पैदा हो गया है, जहां तेजी से मुखर हो रहे चीन को रोकने के प्रयासों के लिए नई दिल्ली का सहयोग महत्वपूर्ण है. थॉमस ने कहा, "इंडो-पैसिफिक में काम करने की हमारी क्षमता भारत के साथ स्वस्थ संबंध पर निर्भर करती है. और मुझे लगता है कि हम उस दिशा में फिर से काम कर रहे हैं. लगभग 2 मिलियन कनाडाई, या आबादी का 5%, भारतीय विरासत है."
सितंबर में नई दिल्ली द्वारा ट्रूडो की टिप्पणियों के बाद ओटावा को अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहने के बाद कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया था.
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