भारत ने बांग्लादेश से कुछ जूट उत्पादों के जमीनी रास्तों से आयात पर लगाई रोक

डीजीएफटी की अधिसूचना में कहा गया, 'भारत-बांग्लादेश सीमा पर किसी भी भूमि बंदरगाह से बांग्लादेश से आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी.'

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  • भारत ने बांग्लादेश से जूट से बने कपड़े, रस्सी और बोरियों के स्थलीय मार्गों से आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाया
  • विदेश व्यापार महानिदेशालय की अधिसूचना के अनुसार न्हावा शेवा बंदरगाह से आयात की अनुमति दी गई
  • भारत-बांग्लादेश सीमा प्रबंधन और सुरक्षा पर द्वि-वार्षिक वार्ता इस महीने अंत में ढाका में होगी
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नई दिल्ली:

भारत ने बांग्लादेश के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच सोमवार को कुछ जूट उत्पादों और रस्सियों के जमीनी मार्गों से आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, इन आयातों को न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से अनुमति दी गई है. डीजीएफटी की अधिसूचना में कहा गया, 'भारत-बांग्लादेश सीमा पर किसी भी भूमि बंदरगाह से बांग्लादेश से आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी.'

जूट से बने कौन से उत्पाद शामिल

इसमें कहा गया है, 'बांग्लादेश से भारत में कुछ वस्तुओं के आयात को फौरन प्रभाव से विनियमित किया जाता है.' इस सूची में शामिल उत्पादों में जूट से बने बुने हुए कपड़े, रस्सी, जूट की बोरियां और थैले शामिल हैं. इससे पहले 27 जून को भी भारत ने बांग्लादेश से कई जूट उत्पादों और बुने कपड़ों के सभी स्थलीय मार्गों से आयात पर रोक लगाई थी. वहीं दूसरी तरफ भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर होने वाली द्वि-वार्षिक वार्ता इस महीने के अंत में ढाका में होगी.

भारत बांग्लादेश में बातचीत की पहल

यह पहला मौका होगा जब शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल ढाका का दौरा करेगा. यह 56वीं डायरेक्टर जनरल (डीजी) स्तरीय सीमा वार्ता होगी, जो कि 25 से 28 अगस्त तक बांग्लादेश की सीमा रक्षा बल (बीजीबी) के मुख्यालय पीलखाना में होगी. बीएसएफ और बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच यह वार्ता दोनों देशों के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी इंटरनेशनल बॉर्डर पर होने वाले विभिन्न मुद्दों को संबोधित करने के लिए काफी खास है.

किन मुद्दों पर होगी बातचीत

इस बैठक में सीमा पर होने वाले विभिन्न अपराधों, खासकर अवैध घुसपैठ पर विस्तार से चर्चा होगी. बीएसएफ बीजीबी को बताएगा कि उसने अपनी सीमा पर तैनात जवानों को लगभग 5,000 बॉडी-वॉर्न कैमरे दिए हैं और ये कैमरे सीमा पर बीएसएफ कर्मियों पर हमलों और अन्य अवैध गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे, ताकि इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके. फरवरी में दिल्ली में हुई पिछली वार्ता में दोनों पक्षों ने दूसरे-इन-कमांड रैंक के अधिकारियों (अतिरिक्त महानिदेशक) के बीच नया संचार लिंक स्थापित करने और सीमा पर 99 नए स्थानों पर बाड़ लगाने का फैसला किया था. 

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