वॉशिंगटन : भारत और अमेरिका 3 बिलियन डालर से अधिक के 30 MQ-9B शिकारी सशस्त्र ड्रोन सौदे को जल्द अंतिम रूप देने के इच्छुक हैं, जो नई दिल्ली को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और हिंद महासागर पर अपने समग्र निगरानी तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा. इस सौदे से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस डील पर पिछले पांच सालों से काम चल रहा है और अब 'गेंद भारत के पाले' में है. यानी भारत की हरी झंडी मिलते ही ये डील फाइनल हो जाएगी.
ऐसा माना जा रहा है कि एमक्यू -9बी शिकारी सशस्त्र ड्रोन भारत की तीनों सेनाओं (थल, जल और वायु) की शक्ति में इजाफा करेंगे. ये भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है. अधिकारियों ने अधिक विस्तार से नहीं बताया, लेकिन इस बात से इनकार किया कि इसमें कोई नौकरशाही बाधा या नियामकीय मुद्दे शामिल हैं.
इस सौदे की घोषणा 2017 में हुई थी, लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. इस सौदे में विलंभ के कारण पूछने पर राजनीतिक सैन्य मामलों की सहायक विदेश मंत्री जेसिका लुईस ने कहा, "मुझे इसे वापस लेना होगा और उस पर जांच करनी होगी." यह रक्षा सौदा अज्ञात कारणों से काफी समय से लंबित है. हालांकि, माना जाता है कि बैठकों के दौरान मुद्दों पर चर्चा की गई थी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत के डोभाल ने अपने समकक्ष जेक सुलिवन सहित शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व के साथ की थी.
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