पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उच्चतम न्यायालय में एक नयी याचिका दायर करके अपने खिलाफ अदालती अवमानना मामले की सुनवाई टालने का अनुरोध किया है क्योंकि वह दो दिन पहले एक विरोध मार्च के दौरान लगी गोली का इलाज करा रहे हैं. पंजाब के वजीराबाद जिले में ‘हकीकी आजादी मार्च' के दौरान 70 वर्षीय खान के कंटेनर पर दो हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके दाहिने पैर में गोली लग गई थी. खान पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे.
‘जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, खान के वकील के अनुसार इमरान ने अपनी याचिका में कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष मांगा गया जवाब नहीं दे पाएंगे क्योंकि वह एक हत्या के प्रयास में घायल हो गए थे और वह चोटों से उबर रहे हैं.
खबर के अनुसार खान के वकील ने याचिका में अदालत से अभी कुछ समय के लिए सुनवाई निर्धारित नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘मेरे मुवक्किल को दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इसलिए वह इस मामले पर मांगा गया जवाब प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं.''
‘न्यूज इंटरनेशनल' की एक अन्य खबर में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने संघीय सरकार द्वारा दायर अदालत की अवमानना मामले में खान से 25 मई, 2022 की उन घटनाओं पर स्पष्टीकरण मांगा है, जो कि पीटीआई के इस्लामाबाद के पहले मार्च से संबंधित हैं.
खबर के अनुसार, संघीय सरकार ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘इमरान खान इस्लामाबाद पर हमला करने की घोषणा कर रहे हैं'', जो उसके अनुसार इस अदालत के आदेश का उल्लंघन है. खबर के अनुसार इसमें शीर्ष अदालत से पीटीआई प्रमुख को विरोध और धरना से संबंधित उसके आदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.
उसी याचिका में सरकार ने खान के खिलाफ एक विरोध मार्च के जरिये कानून और व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करने से रोकने के आदेश का अनुरोध किया है.
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